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एक बार फिर ग्लोबल लीडर साबित हुए PM Modi, BRICS समिट से पहले ही सामने आई ये बड़ी वजह

PM Modi Brics Summit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी वैश्विक भूमिकाओं के कारण ग्लोबल लीडर साबित हुए हैं। वे दुनिया के हर मंच पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहे हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले उनकी ये भूमिका उन्हें दुनिया के अन्य नेताओं से अलग करती है।

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Oct 19, 2024
PM Modi Brics Summit

PM Modi Brics Summit : ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (global leader) के इज़राइल व फिलिस्तीन और रूस व यूक्रेन जंग रुकवाने के लिए किए गए प्रयास के कारण एक बार फिर ग्लोबल लीडर साबित हुए हैं। ब्रिक्स सम्मेलन ( BRICS Summit 2024 ) से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) के प्रयासों की सराहना की है। इससे नरेंद्र मोदी की यह छवि और पुख्ता हुई है। पुतिन ने इज़राइल और फिलिस्तीन ( Palestine ) के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण माना है। भारत ने हमेशा दोनों पक्षों के बीच बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है। मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाया है, साथ ही भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और दो-राज्य समाधान के सिद्धांत का समर्थन किया है। भारत की भूमिका में मध्यस्थता, कूटनीतिक संवाद (diplomatic relations), और मानवता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। हालांकि, स्थिति जटिल है और मोदी की भूमिका सीमित होती है, लेकिन भारत का यह प्रयास वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

पुराने और मधुर रिश्ते याद दिलाए

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनयिक रिश्ते निभाने में अहम भूमिका की तारीफ की है। वहीं अपने बयान में भारत और रूस के पुराने और मधुर रिश्ते याद दिलाए हैं। उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर कहा, 'रूस इसे शांतिपूर्वक हल करने में रुचि रखता है, हमने नहीं, बल्कि यूक्रेनी पक्ष ने बातचीत रोकी है, उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस यात्रा से पहले आया है, जहां वे 22 और 23 अक्टूबर को 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। पिछली यात्रा के दौरान व्लादिमीर पुतिन और PM मोदी के बीच रूस-यूक्रेन संकट और युद्ध के मुद्दों पर चर्चा हुई थी, जिसके लिए पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है। पुतिन ने कहा, 'ब्रिक्स का उद्देश्य कभी भी तरह से किसी के खिलाफ होना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि ब्रिक्स एक पश्चिम विरोधी समूह नहीं, ​बल्कि एक गैर ​पश्चिमी समूह है।

इज़राइल और फिलिस्तीन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष के समाधान के लिए भी भारत की भूमिका को बढ़ावा देने की कोशिश की है। भारत ने हमेशा से दो-राज्य समाधान का समर्थन किया है, जिसमें इज़राइल और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य का अस्तित्व शामिल है। मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है, जिसमें यूएन और अन्य बहुपक्षीय संगठनों में शामिल होने की पहल शामिल है। उन्होंने संवाद और कूटनीतिक प्रयासों पर जोर दिया है, ताकि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो सके। भारत ने फिलिस्तीन के अधिकारों का समर्थन किया है और संकट के समय में मानवता की मदद के लिए भी कदम उठाए हैं। मोदी की भूमिका इस दिशा में महत्वपूर्ण है, लेकिन वास्तविक समाधान के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। भारतीय प्रधानमंत्री ने गत वर्ष फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात कर गाजा के हालात पर चिंता व्यक्त की थी। वहीं अमेरिका में भी मोदी ने फिलिस्तीन के शासक से बात की थी और जंग के दुष्परिणामों पर विचार व्यक्त किए थे।

सम्मेलन में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की भागीदारी

BRICS Summit में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की भागीदारी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह न केवल फिलिस्तीन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज उठाने का अवसर है, बल्कि यह BRICS देशों के बीच सहयोग और एकजुटता को भी दर्शाता है। इस भागीदारी के माध्यम से, अब्बास फिलिस्तीनी मुद्दों को प्रमुखता से उठाने और वैश्विक समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। इस प्रकार के सम्मेलनों में शामिल होकर, वे फिलिस्तीन के संघर्ष और स्थिति को दुनिया के सामने लाने की कोशिश करते हैं, जिससे कि अन्य देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन फिलिस्तीन के अधिकारों और स्वतंत्रता के समर्थन में आगे आ सकें। BRICS जैसे मंचों पर उनकी भागीदारी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नया दृष्टिकोण और संवाद का निर्माण कर सकती है।

नरेंद्र मोदी बन गए हीरो

बहरहाल मोदी ने इज़राइल और फिलिस्तीन के संघर्ष में मध्यस्थता की पहल की है, जो भारत की कूटनीतिक दृष्टि को उजागर करता है। पुतिन का समर्थन और मोदी की प्रयासों की सराहना इस बात का संकेत है कि भारत के प्रयासों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। BRICS Summit में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की भागीदारी एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो यह दर्शाता है कि भारत फिलिस्तीन के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार, मोदी की भूमिका न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को बढ़ाती है, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। इस संदर्भ में, मोदी की कई पहल और वैश्विक नेताओं के साथ उनकी बातचीत से भारत की एक सक्रिय भूमिका और कूटनीतिक रणनीति स्पष्ट होती है। इन सब पहलुओं से स्पष्ट है कि मोदी की कूटनीतिक रणनीति न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत कर रही है, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निश्चित रूप से उन्हें एक प्रभावशाली वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है।

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