Ratan Tata के निधन के बाद सिर्फ भारतीय मीडिया ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया भी उसे प्रमुखता से कवर कर रहा है। विश्व के कई बड़े और मुख्य अंतर्राष्ट्रीय अखबारों ने रतन टाटा के निधन की खबर को प्राथमिकता दी है।
Ratan Tata: दुनिया के दिग्गज बिजनेस टाइकून रतन टाटा अब इस नश्वर संसार को अलविदा कह चुके हैं। उनका इस दुनिया से जाना एक बड़े आघात के बराबर है। औद्यौगिक क्षेत्र में जो नाम और काम रतन टाटा ने कमाया उसे ना पहले किसी ने कर पाया ना अब कोई कर पाएगा। रतन टाटा की याद में (Ratan Tata Death) आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया शोक में डूबी हुई है। रतन टाटा सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि इस पूरे संसार के एक वो अनमोल ‘रतन’ थे, जिसकी जगह अब शायद कोई नहीं ले पाएगा। रतन टाटा के निधन को सिर्फ भारतीय मीडिया ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया भी उसे प्रमुखता से कवर कर रहा है। विश्व के कई बड़े और मुख्य अंतर्राष्ट्रीय अखबारों ने रतन टाटा के निधन की खबर को प्राथमिकता दी है। सिर्फ इतना ही नहीं कई वैश्विक हस्तियों ने भी रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने व्यवसायी रतन टाटा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि टाटा एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। X पर एक पोस्ट में पिचाई ने कहा कि रतन टाटा "भारत को बेहतर बनाने के बारे में गहराई से चिंतित थे।"
पिचाई ने कहा, "रतन टाटा के साथ Google में मेरी आखिरी मुलाकात थी। हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था।" उन्होंने कहा, "वह एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को सलाह देने और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत को बेहतर बनाने के बारे में उनकी गहरी चिंता थी। उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और शांति में रहें रतन टाटा जी।"
वहीं ब्रिटिश मीडिया BBC ने रतन टाटा के निधन पर कवरेज की है। BBC ने ब्रिटिश बिजनेस सक्रेटरी जोनाथन रेनाल्ड्स का संदर्भ दिया है और लिखा है कि रतन टाटा भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बेहद खास शख्सियत थे। उन्होंने भारत को तो पूरी दुनिया में ताकतवर बनाया ही साथ में उन्होंने ब्रिटेन के उद्योग को भी वो आकार दिया जो यहां की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया अलजजीरा ने भी रतन टाटा के निधन की कवरेज की है। अलजजीरा ने लिखा कि रतन टाटा की वजह से उनकी कंपनियां दुनिया भर में विस्तार ले पाईं। पूरी दुनिया में TATA की 100 से ज्यादा कंपनियां हैं। य़े कंपनियां दुनिया भर में लगभग 4 लाख लोगों को रोजगार दे रही हैं। टाटा की कंपनी ने नमक से लेकर स्टील, कार तक की चीजें बना डालीं।
वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि भारत समेत दुनिया के सबसे शक्तिशाली और दिग्गज शख्शियत रतन टाटा का निधन हुआ। उनके 21 साल के कार्यकाल में ही टाटा कंपनी ने 50 गुना से ज्यादा मुनाफा कमाया। भारत में उद्योग को विस्तार देने के बाद रतन टाटा ने विदेशी कंपनियों जैसे टेटली टी, फोर्ड, लैंड रोवर, जगुआर जैसी कंपनियों को अधिग्रहण किया और इन ब्रांड्स को एक नई सफलता पर पहुंचाया।
अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी राउटर्स ने भी रतन टाटा को लेकर काफी कुछ लिखा है। एजेंसी ने रतन टाटा पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें उनके जन्म से लेकर पालन-पोषण, शिक्षा, हायर एजुकेशन, नौकरी और टाटा में उनके कद के बढ़ने से लेकर दुनिया के टाइकून बनने तक का घटनाक्रम शामिल हैं।
बता दें कि 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में जन्मे टाटा रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे, जो भारत में निजी क्षेत्र के प्रवर्तित दो सबसे बड़े परोपकारी ट्रस्ट हैं। रतन टाटा 1991 से 2012 में अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष थे। उसके बाद उन्हें टाटा संस का मानद अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्हें 2008 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।