Global Warming: अजरबैजान में संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू हो रहा है। इसमें दुनिया के 198 देश तापमान बढ़ने से रोकने पर मंथन करेंगे।
Global Warming: संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप-29 इस बार उस देश अजरबैजान में शुरू हो रहा है, जहां दुनिया का पहला तेल कुआं खोदा गया था। सोमवार से शुरू होने वाले इस सम्मेलन (UN Climate Summit 2024) में 198 देशों के प्रतिनिधि राजधानी बाकू (Baku) में दो सप्ताह तक इस विषय पर मंथन करेंगे कि कैसे दुनिया का तापमान बढ़ने से रोका जाए। बाकू में आयोजित यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जबकि अमेरिका में वह डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) आगामी जनवरी में सत्ता संभालने जा रहे हैं, जो कि एक बार फिर पेरिस एग्रीमेंट समझौते से (Paris Climate Agreement) बाहर होने का वादा कर सत्ता में लौटे हैं। दूसरी ओर, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि साल 2024 अब तक का सबसे गर्म महीना होने जा रहा है। COP-29 का मुख्य एजेंडा जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को रोकने और उसके अनुकूल कदम उठाने के लिए अमीर देशों से गरीब-विकासशील देशों को मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी को रखा गया है।
UN की मदद से तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन (China) को छोड़कर शेष विकासशील देशों को 2030 तक ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए 2.4 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा की जरूरत होगी। ब्रिटेन और मिस्र द्वारा किए गए एक विश्लेषण में यह पाया गया है कि इसमें से एक लाख करोड़ डॉलर की राशि संपन्न और विकसित देशों, निवेशकों और बहुपक्षीय बैंकों के जरिए आनी चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शेष 1.4 लाख करोड़ डॉलर की राशि गरीब देशों को स्थानीय रूप से जुटानी होगी।
वर्तमान दानदाता देशों की मांग है कि दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों का सबसे बड़े वार्षिक कार्बन उत्सर्जक देश चीन और संयुक्त अरब अमीरात ( एक प्रमुख फॉसिल फ्यूल पर आधारित अर्थव्यवस्था) को भी वे इस कोष में दान देना चाहिए, जो कि अन्यथा विकासशील देशों की श्रेणी में आते हैं।
इस सम्मेलन में भारत की ओर से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह 19 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। सम्मेलन में भारत को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 18-19 नवंबर का समय दिया गया है। वर्ष 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान पहली बार संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में भाग लेगा।