यूक्रेन ने रूस पर 24 घंटे में 160 ड्रोन और चार निर्देशित बम दागे, जिससे रूसी क्षेत्र में भारी तबाही मची! रूस ने इन हमलों को नाकाम करने का दावा किया है, लेकिन यूक्रेन किसी भी समझौते से इनकार कर रहा है। जेलेंस्की ने नाटो से यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी मांगी है, जबकि रूस ने यूक्रेनी हमलों में भारी जनहानि की बात कही है। युद्ध की आग में और तेज इज़ाफ़ा!
यूक्रेन फिलहाल रूस के साथ कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं है। इसका स्पष्ट उदाहरण उसने पिछले 24 घंटों पर दे दिया है। दरअसल, यूक्रेन ने रूस पर पिछले 24 घंटों में यूक्रेन ने चार निर्देशित हवाई बम और 160 ड्रोन दागे हैं। जिसे रूसी सेना ने ध्वस्त कर दिया है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसकी वायु रक्षा प्रणालियों ने देश के पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्रों में 33 यूक्रेनी ड्रोनों को रोका। बताया गया कि ड्यूटी पर तैनात वायु रक्षा प्रणालियों ने मॉस्को के समयानुसार सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे के बीच 13 यूक्रेनी मानवरहित हवाई वाहनों को मार गिराया, जिनमें से 12 ब्रांस्क क्षेत्र में और एक कलुगा क्षेत्र में थे।
आगे बताया गया कि उसके अगले दो घंटों के भीतर 20 और ड्रोन नष्ट कर दिए गए। जिसमें आठ ब्रांस्क में, सात स्मोलेंस्क में, तीन कुर्स्क में और दो कलुगा में।
अगस्त की शुरुआत में, रूस ने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक से पहले यूक्रेन पर हमले बढ़ाने का आरोप लगाया था।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में यूक्रेन की गोलाबारी और ड्रोन हमलों में 22 लोग मारे गए हैं और 105 घायल हुए हैं। मंत्रालय ने रूसी क्षेत्र में हमले वाले इलाकों को चिह्नित करते हुए एक नक्शा भी साझा किया।
उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने कीव में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव मार्क रूटे के साथ बैठक के दौरान यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की।
जेलेंस्की ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि हमें जो परिणाम प्राप्त करना है, वह यह है कि एक स्पष्ट रूपरेखा हो कि कौन से देश जमीन पर हमारी सहायता करते हैं, कौन से देश हमारे हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं, कौन से देश समुद्र में सुरक्षा की गारंटी देते हैं और यूक्रेन का समर्थन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस गारंटी में सहयोगी देशों से यूक्रेनी सेना को फंडिंग भी शामिल होना चाहिए।