पेस्कोव ने कहा कि हमारा मानना है कि संप्रभु देशों को अपने व्यापारिक साझेदारों, व्यापार और आर्थिक सहयोग के लिए साझेदारों को चुनने का अधिकार होना चाहिए और है भी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी देने के बाद रूस ने प्रतिक्रिया दी है। रूस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत जैसे देशों पर उसके साथ व्यापार खत्म करने के लिए अवैध दबाव डाल रहे हैं। रूस के खिलाफ ऐसी धमकियां अवैध हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत जैसे देशों को अपने व्यापार साझेदार चुनने का अधिकार है और ऐसी धमकियां नहीं दी जा सकतीं।
उन्होंने कहा कि हम कई ऐसे बयान सुनते हैं जो वास्तव में धमकियां हैं, संप्रभु देशों को रूस के साथ व्यापार संबंध समाप्त करने के लिए मजबूर करने के प्रयास हैं। हम ऐसे बयानों को वैध नहीं मानते हैं।
पेस्कोव ने आगे कहा कि हमारा मानना है कि संप्रभु देशों को अपने व्यापारिक साझेदारों, व्यापार और आर्थिक सहयोग के लिए साझेदारों को चुनने का अधिकार होना चाहिए और है भी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देशों को अपने लिए व्यापार और आर्थिक सहयोग के ऐसे स्वरूपों को चुनने का अधिकार होना चाहिए जो कि किसी देश के हित में हों।
बता दें कि इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी। ट्रंप ने कहा था कि भारत न सिर्फ़ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाज़ार में भारी मुनाफ़े पर बेच भी रहा है। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि रूसी युद्ध मशीन द्वारा यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इस वजह से, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ़ में काफ़ी वृद्धि करूंगा।
शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की थी कि अगर रूस यूक्रेन के साथ अपने संघर्ष को समाप्त करने के लिए कदम नहीं उठाता, तो वह रूस और उसके ऊर्जा निर्यात खरीदने वाले देशों पर नए प्रतिबंध लगा देंगे। हालांकि ट्रंप की इस धमकी के बाद भी रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने रूख में कोई बदलाव नहीं दिखाया है।
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