रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की शांति वार्ता इस्तांबुल में हुई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने वार्ता की, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। वार्ता के बाद भी युद्ध जारी रहने की संभावना है और स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है
रूस और यूक्रेन ने युद्ध रोकने के इरादे से बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत की, जो पूरी तरह से नाकाम रहा। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने इस्तांबुल के सिरागन पैलेस में तीसरे दौर की शांति वार्ता की। हालांकि, इस बातचीत से कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई।
रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की और यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा व रक्षा परिषद के सचिव रुस्तम उमरोव ने बुधवार शाम एक दूसरे से बातचीत की।
बंद कमरे में हुई इस वार्ता की अध्यक्षता तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने की। दोनों के बीच एक घंटे से भी कम समय तक बातचीत चली।
वार्ता खत्म होने के बाद उमरोव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम अब युद्धविराम के लिए और ठोस शांति वार्ता शुरू करने के लिए तैयार हैं। शांति की दिशा में इस बुनियादी कदम को स्वीकार करना दूसरे पक्ष पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि युद्धविराम होना चाहिए। इसमें नागरिक और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर हमलों को पूरी तरह से रोका जाना चाहिए।
वहीं, बातचीत के बाद एक अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेडिंस्की ने भी अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रूस और यूक्रेन 1,200-1,200 युद्धबंदियों की अदला-बदली पर सहमत हुए हैं। इसमें कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन द्वारा बंदी बनाए गए लगभग 30 नागरिकों की अदला-बदली का प्रस्ताव भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि रूस ने 7,000 शहीद यूक्रेनी सैनिकों के शव लौटा दिए हैं। 3,000 और शव लौटाने के लिए तैयार है। उन्होंने यूक्रेन से किसी भी संख्या में मृत रूसी सैनिकों को वापस भेजने का अनुरोध किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि रूसी पक्ष ने राजनीतिक, मानवीय और सैन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए यूक्रेन के साथ तीन ऑनलाइन कार्य समूह स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।
यूक्रेन से घायल सैनिकों को निकालने और शहीद सैनिकों के शवों को वापस लाने के लिए संपर्क रेखा पर 24 से 48 घंटे के छोटे युद्धविराम की घोषणा करने पर विचार करने का अनुरोध किया है।
इससे पहले इस्तांबुल में 16 मई और 2 जून को हुई पिछली दो दौर की वार्ताओं में हजारों युद्धबंदियों और शहीद सैनिकों के शवों का आदान-प्रदान हुआ था, लेकिन युद्धविराम की दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई।
बता दें कि यूक्रेनी पक्ष ने रूस को अगस्त के अंत तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच एक बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है।
जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की भागीदारी विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी। वहीं, इस बैठक के बारे में, मेडिंस्की ने कहा कि कुछ प्रक्रियाएं पूरी होने तक ऐसी बैठक पर विचार नहीं किया जा सकता है।