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पीएम मोदी, पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात को ट्रंप के सहयोगी ने बताया शर्मनाक, कहा- रूस नहीं हमारे साथ रहे भारत

ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने SCO Summit के दौरान पीएम मोदी की पुतिन और शी जिनपिंग से मुलाकात को शर्मनाक बताते हुए कहा कि भारत को रूस नहीं अमेरिका के साथ रहना चाहिए।

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Sep 02, 2025
ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो (फोटो-एएनआई)

भारत को टैरिफ का महाराजा बताने और भारतीय ब्राह्मणों को लेकर दी गई विवादित टिप्पणी के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर, पीटर नवारो का एक और चौंकाने वाला बयान सामने आया है। यह बयान चीन में हाल ही आयोजित शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन SCO Summit से जुड़ा है। नवारो ने बयान देते हुए इस सम्मेलन के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को शर्मनाक बताया है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि नवारो ने कहा कि भारत को रूस के नहीं अमेरिका के साथ होना चाहिए।

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पीएम मोदी के चीन दौरे के बाद दिया बयान

ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर ने कहा, मुझे यह देखकर बहुत दुख होता है कि मोदी शी जिनपिंग और पुतिन के साथ दोस्ती कर रहे हैं। मुझे समझ नहीं आता कि वह क्या सोच रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि उन्हें जल्द ही यह एहसास होगा कि उन्हें हमारे साथ रहना चाहिए, न कि रूस के साथ। पीएम मोदी के चीन दौरे के एक दिन बाद नवारो का यह बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने चीन के दौरे के दौरान शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लिया था। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने पुतिन शी जिनपिंग से मुलाकात की थी और तीनों की मुलाकात ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। विश्व स्तर पर इसे एक नई साझेदारी की शुरुआत के रूप में देखा गया था। इस बैठक के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिनमें यह तीनों विश्व नेता आपस में बातचीत करते नजर आ रहे थे।

रूसी तेल के चलते भारत और अमेरिका में दरार

ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद पीएम मोदी की रूसी और चीनी राष्ट्रपति से यह मुलाकात को एक जवाबी योजना की शुरुआत के तौर पर भी देखा गया है। दरअसल व्हाइट हाउस के व्यापार प्रमुख लगातार इस बात पर जोर देते आए है कि रूसी तेल खरीदने के चलते भारत पर यह टैरिफ लगाया गया है। उनका आरोप था कि भारत के तेल खरीदने से रूस को लगातार आर्थिक मदद मिलती है जिसका इस्तमाल वह युद्ध को जारी रखने में करता है।

सबसे ज्यादा रूसी तेल खरीदते है भारत और चीन

यह वहीं युद्ध ही जिसे पिछले साल ट्रंप ने कुछ ही घंटों में खत्म करने का दावा किया था लेकिन वह इसमें असफल रहे थे। ऐसे में भारत का रूस से व्यापार संबंध न तोड़ना ट्रंप के लिए अभिमान का विषय हो गया था और इसी के चलते उन्होंने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया। भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे अब आयातकर्ता है तो वहीं चीन सबसे अधिक मात्रा में रूसी तेल खरीदता है। ऐसे में भारत, रूस और चीन तीनों ही देश के शीर्ष नेताओं की मुलाकात विश्व स्तर पर चर्चा का मुद्दा बन गई थी।

पहले भी भारत को लेकर विवादित बयान दे चुके नवारो

पीटर नवारो इससे पहले भी भारत को लेकर कई विवादित बयान दे चुके है। नवारो ने अपने एक बयान में भारत को टैरिफ का महाराजा बताते हुए यह दावा किया था कि भारत दुनिया के सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है लेकिन भारत इस बात को नहीं मानता है। इसी के साथ नवारो ने हाल ही में दिए एक अन्य बयान में जातिगत भेदभाव का सहारा लेते हुए भारतीय ब्राह्मण कम्यूनिटी को लेकर भी एक विवादित टिप्पणी दी थी। नवारो ने आरोप लगाया था कि भारत के रूस से तेल खरीदने पर ब्राह्मण अन्य भारतीयों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे है।

Updated on:
02 Sept 2025 02:53 pm
Published on:
02 Sept 2025 02:51 pm
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