अमेरिका में सीनियर ग्रीन कार्ड होल्डर्स पर अधिकारियों की नज़र है। क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
अमेरिका (United States Of America) में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद से ही इमिग्रेशन संबंधी नियमों में काफी सख्ती आ गई है। ऐसे में देश में रहने वाले सीनियर ग्रीन कार्ड होल्डर्स (Senior Green Card Holders) तक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका में इमिग्रेशन वकीलों को भारतीयों सहित ऐसे ग्रीन कार्ड होल्डर्स की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है, जिन्हें सेकंडरी इंस्पेक्शन से गुज़रना पड़ रहा है।
अमेरिकी कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन अधिकारी एयरपोर्ट्स पर रात भर ग्रीन कार्ड होल्डर्स को हिरासत में रख रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोगों पर तो स्वेच्छा से अपना ग्रीन कार्ड छोड़ने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है।
भारतीयों समेत बुज़ुर्ग लोग जो अपने बच्चों के साथ अमेरिका में रहते हैं, लेकिन सर्दियों के महीने भारत/अपने देश में बिताते हैं, उन्हें इस मामले में अतिसंवेदनशील माना जाता है। वकील, लोगों को ग्रीन कार्ड सरेंडर न करने की सलाह दे रहे हैं। ग्रीन कार्ड होल्डर्स को इमिग्रेशन जज द्वारा सुनवाई का अधिकार है। इमिग्रेशन वकीलों ने ग्रीन कार्ड सरेंडर करने के खिलाफ चेतावनी दी है कि इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट के तहत एक वैध स्थायी निवासी, जिसके पास ग्रीन कार्ड है और वह 180 दिनों से ज़्यादा समय तक अमेरिका से बाहर है, तो उसके अमेरिका में वापस आने को दोबारा से प्रवेश करना माना जाता है। वहीं ग्रीन कार्ड को छोड़ने का मुद्दा आम तौर पर तब उठता है जब कोई व्यक्ति एक साल से ज़्यादा समय तक अमेरिका से बाहर रहा हो।
कानून के अनुसार सिर्फ एक आव्रजन न्यायाधीश ही ग्रीन कार्ड को वापस ले सकता है, इसलिए व्यक्तियों को ऐसे फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए जिसमें उनसे ग्रीन कार्ड सरेंडर करने की मांग की जाए। हालांकि कुछ लोग डरकर अपना ग्रीन कार्ड सरेंडर करने की सोच रहे, जिसे इमिग्रेशन वकील गलत बता रहे हैं।
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