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सोने के खनन में खरबों के घोटाले का सनसीखेज खुलासा, पड़ोसी देश की नदियों के किनारे गोल्ड ब्लॉक का मामला

Gold Mining Corruption Pakistan:पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सोने के खनन में बड़ी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

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Aug 25, 2025
पाकिस्तान में सोने के खनन में खरबों के घोटाले का खुलासा हुआ है। ( फोटो: IANS.)

Gold Mining Corruption Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत में सोने के खनन के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार (Gold Mining Corruption Pakistan) और अनियमितताओं का राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB investigation) ने भंडाफोड़ किया है। एनएबी ने बताया है कि सोने के ब्लॉक की नीलामी के लिए निर्धारित न्यूनतम कीमतों में गड़बड़ी के कारण प्रांत को अरबों रुपए का नुकसान हो रहा है। एनएबी की जांच में पता चला है कि पट्टाधारक यानी जिनको खनन का अधिकार (Pakistan gold auction)मिला है, वे अवैध रूप से अपने अधिकारों को दूसरों को बेच रहे हैं। इसके बदले वे हर सप्ताह 5 से 7 लाख रुपए तक वसूल रहे हैं। अनुमान है कि इस तरीके से हर सप्ताह 75 करोड़ से 100 करोड़ रुपए तक की कमाई हो रही है, लेकिन प्रांतीय सरकार को इसका केवल एक छोटा हिस्सा ही मिलता है।

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इस पर मुख्यमंत्री ने क्या कहा ?

केपी के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने जियो न्यूज को बताया कि उनकी सरकार ने सोने के ब्लॉकों की नीलामी कीमतें बढ़ा दी हैं। पहले जहां एक ब्लॉक की कीमत 65 करोड़ रुपए थी, अब इसे बढ़ा कर 110 करोड़ रुपए कर दिया गया है। सरकार ने 10 साल के लिए चार ब्लॉक करीब 460 करोड़ रुपए में बेचे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले 20 सालों में इतनी महंगी नीलामी नहीं हुई है और सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।

आखिर जांच में क्या मिला ?

एनएबी ने खैबर पख्तूनख्वा के उच्च अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि नीलामी के लिए गोल्ड ब्लॉकों की कीमत जानबूझकर कम दिखाई गई। इसके अलावा, 2022 में शुरू हुई भूवैज्ञानिक मानचित्रण योजना को 2023 के अंत में अचानक रोक दिया गया, जिससे संदेह पैदा हुआ कि इस बीच कुछ गड़बड़ी हो रही है।

नीलामी में हुई गड़बड़ी और देरी

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नीलामी के बारे में ठीक से प्रचार नहीं किया गया, जिससे विदेशी निवेशक इसमें रुचि नहीं ले सके। इसके कारण नीलामी सफल नहीं हो पाई। दस्तावेज बताते हैं कि नीलामी नियमों के मुताबिक अगर सौदा 14 दिनों में पूरा नहीं होता है तो प्रस्ताव वापस ले लिया जाना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद महीनों तक देरी के बाद भी पट्टे और अनुबंध बांटे गए।

अदालत के आदेश के बावजूद जारी रहीं खनन गतिविधियां

पेशावर हाईकोर्ट ने भी खनन गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया था, लेकिन नवंबर 2024 में भी खनन कार्य जारी रहे। यह साफ संकेत है कि नियमों की अवहेलना की गई और गैरकानूनी तौर पर सोने का खनन चलता रहा।

प्रांतीय सरकार को भारी नुकसान

बहरहाल इन अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की वजह से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को सोने के खनन से मिलने वाली आमदनी में भारी कमी आई है। एनएबी का कहना है कि अगर सही तरीके से नीलामी और नियंत्रण किया जाता, तो प्रांत को अरबों रुपए का फायदा हो सकता था।

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