बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के ढाका और अन्य शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे, भारत विरोधी नारे लगाए, मीडिया कार्यालयों पर हमला किया, सांस्कृतिक केंद्रों में आग लगाई। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के आवास को भी निशाना बनाया। वहीं हिंदू युवक की हत्या की घटना भी सामने आई।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क, ढाका
बांग्लादेश में आगामी फरवरी में आम चुनाव से पहले गुरुवार रात एक बार फिर हिंसा व भारत विरोधी भावना भड़काने का दौर शुरू हो गया। पिछले साल प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के तख्ता पलट के समय छात्र आंदोलन का प्रमुख चेहरा बने इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत के बाद गुरुवार देर रात ढाका और अन्य शहरों में उनके हजारों समर्थक और कट्टरपंथी सड़कों पर निकल आए और हिंसक प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने हादी के हत्यारों को पकड़ने की मांग करते हुए भारत विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हत्यारे भारत भाग गए हैं। ढाका के नजदीक भालुका में कथित तौर पर धर्म का अपमान करने के आरोप में एक हिंदू युवक दीपूचंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला और बाद में उसके शव को पेड़ पर लटकाकर आग लगा दी। इस दौरान अपराधी धार्मिक नारे लगाते रहे।
प्रदर्शनकारियों ने देश के दो प्रमुख अखबारों 'प्रोथोम आलो' और 'डेली स्टार' पर भारत समर्थक रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए उनके कार्यालयों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी जिसमें पत्रकार व अन्य कर्मचारी फंस गए। शुक्रवार तड़के तक 25 पत्रकारों को बमुश्किल बचाया गया। पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान के आवास में भी तोड़फोड़ की गई।
उत्तर-पश्चिमी जिले राजशाही में प्रदर्शनकारियों ने बुलडोजर से अवामी लीग पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग के पूर्व शिक्षा मंत्री के घर में आग लगा दी। उग्र प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को भी मार्च निकाला और आगजनी व तोड़फोड़ कर रास्ते रोक दिए।
बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चटगांव में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सहायक उच्चायोग और उप उच्चायुक्त के निवास पर हमला और पथराव किया। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर अश्रु गैस के गोलों का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को रोका और सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई। बाद में कुछ लोग वहां धरने पर बैठ गए। पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लिया है। इस घटना के बाद ढाका में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राजशाही और खुलना में वीजा सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं, वहीं चटगांव व सिलहट में सेवाएं जारी रखने की समीक्षा की जा रही है।
शरीफ उस्मान हादी बीते साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्र आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन गए थे। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बने इंकलाब मंच के प्रवक्ता 32 वर्षीय हादी आगामी चुनाव में प्रमुख राजनीतिक
नेता बन गए थे जो कट्टरपंथियों व भारत विरोधी भावना का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्होंने फरवरी में होने वाले आम चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। गत 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर में चुनाव प्रचार के दौरान रिक्शा पर जाते समय मोटरसाइकिल पर सवार हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी थी। ढाका में प्रारंभिक इलाज के बाद 15 दिसंबर को उन्हें एयरलिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया जहां गुरुवार रात उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर आते ही ढाका व अन्य शहरों में हिंसा भड़की। उनके शव को शुक्रवार शाम ढाका लाया गया।
भारत की एडवाइजरी, नागरिक बाहर न निकलें ढाका में भारतीय उच्चायोग ने भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और स्थानीय साधनों के जरिए यात्रा करने से बचें। साथ ही अचानक किसी भी तरह की जरूरत होने पर उच्चायोग व सहायक उच्चायोग से संपर्क करें।
बांग्लादेश में हिंसा के दौरान उन्मादी भीड़ ने देर रात धानमंडी स्थित छायानौत संस्कृति भवन में तोड़फोड़ व लूटपाट की और आग लगा दी। छायानौत संस्कृति भवन ढाका में स्थित एक प्रतिष्ठित सांस्कृतिक केंद्र और संगीत विद्यालय है, जो बंगाली भाषा, संगीत, नृत्य और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय इस संस्थान ने राष्ट्रवाद जगाने में अहम भूमिका निभाई थी।