
बांग्लादेश के ढाका में उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा आग लगाए जाने के बाद प्रथम आलो कार्यालय की हालत। ( Photo- ANI वीडियो ग्रैब)
पत्रिका न्यूज नेटवर्क, ढाका/नई दिल्ली
बांग्लादेश में शेख हसीना विरोधी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या (Hadi murder case) के बाद भड़की हिंसा और भारत विरोधी भावना फैलाने के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) की सक्रियता और चुनाव प्रभावित करने की साजिश सामने आ रही है। भारत ने बांग्लादेश की ताजा घटनाओं पर काेई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन विदेश मंत्रालय और खुफिया एजेंसियां पैनी नजर रखे हुए है।
सूत्रों के अनुसार, हादी की मौत के कुछ ही देर बाद आईएसआई समर्थित सोशल मीडिया हैंडल फेक प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए एक्टिव हो गए, जिसकी वजह से आखिरकार बांग्लादेश में हिंसा भड़की और उसमें भारत को निशाना बनाया गया। भारतीय एजेंसियों को पता चला कि गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह आईएसआई समर्थित कई हैंडल बड़ी संख्या में एक्टिव थे।
सिंगापुर के अस्पताल में वेंटिलेटर पर चल रहे हादी पर आईएसआई की पूरी नजर थी और इसी आधार पर उसने पहले से बांग्लादेश में अपने समर्थक जमाते इस्लामी और कट्टरपंथी कैडर के सासाथ डिजिटल नेटवर्क पर पूरी तैयारी कर रखी थी। पिछले एक सप्ताह में पाक पोषित मीडिया में इस तरह के लेख भी छपवाए गए जिसमें हादी के हत्यारों को छिपाने में भारत पर अंगुलियां उठाई गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि हादी की हत्या और ताजा हिंसा अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और पाकिस्तान का चुनाव प्रभावित करने या टालने का खेल भी हो सकता है। अभी तक के जो ओपीनियन पोल सामने आए हैं उसमें जमाते इस्लामी और पूर्व पीएम खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) में मुख्य मुकाबला है और बीएनपी को बढ़त है।
पूर्व पीएम शेख हसीना के निर्वासन के बाद यूनुस की शह पर बनी आंदोलनकारी छात्रों की नेशनल सिटीजन्स पार्टी (एनसीपी) को कोई समर्थन मिलता नहीं दिख रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि यूनुस इस स्थिति से खुश नहीं है वहीं पाकिस्तान भी बीएनपी के पक्ष में नहीं है। ऐसे हालात में वह हिंसा का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहते हैं या कट्टरपंथी भावनाओं को उभार कर जमात की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं।
पूर्व विदेश सचिव और राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, बांग्लादेश में ताजा तनाव भारत विरोधी तत्वों को लुभाने का एक तरीका है। सत्ताधारी अंतरिम प्रशासन के कुछ तत्वों ने भी यही नीति अपनाई है। तनाव बढ़ने की वजह फरवरी में होने वाले संभावित चुनाव हो सकते हैं। भारत-विरोधी भावना का फायदा उठाकर कुछ तत्व अपने स्वार्थों को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
Updated on:
20 Dec 2025 03:59 am
Published on:
20 Dec 2025 03:21 am
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