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शहबाज़ शरीफ़ की इमरान ख़ान को दो टूक, डी चौक के दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा, होगी सख़्त कार्रवाई

PTI protest violence investigation: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई के विरोध प्रदर्शन व हिंसा की जांच के लिए टास्क फोर्स बनाएंगे।

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Nov 30, 2024
shabaz sharif and Imran khan

PTI protest violence investigation: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ( Shahbaz Sharif ) ने इमरान ख़ान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI ), के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा ( Violence) की जांच के लिए एक टास्क फोर्स (task force) गठित करने की घोषणा की है। यह हिंसा इमरान खान ( Imran Khan) की रिहाई के लिए गिरफ्तारी के बाद पीटीआई (PTI ) की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी। इस विरोध प्रदर्शन में इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी ने भी हिस्सा लिया है, जो पिछले महीने ही ज़मानत पर जेल से बाहर आई हैं। बुशरा बीबी ने पहली बार इस तरह के किसी राजनीतिक प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक वो पीछे नहीं हटेंगे। इमरान ख़ान के एक्स एकाउंट से जारी बयान में उन्होंने अपनी टीम को 'आखिरी गेंद तक लड़ने का' संदेश दिया है।

टास्क फोर्स दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि यह टास्क फोर्स घटना की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पाकिस्तान में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी रहे और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम इमरान खान के नेतृत्व में PTI द्वारा उठाए गए विरोध के बाद की स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयासों के हिस्से के रूप में लिया जा रहा है।

PTI ने प्रदर्शन शुरू किए थे

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी इस्लामाबाद के डी चौक पर मई 2022 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान गंभीर घटनाएं घटी थीं। ये घटनाएं इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद सामने आईं, जब पाकिस्तान सरकार की ओर से उनकी गिरफ्तारी के विरोध में PTI ने प्रदर्शन किए थे।

डी चौक पर हुआ क्या था

प्रदर्शन और हिंसा: PTI ने इस्लामाबाद के डी चौक पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। प्रदर्शनकारी इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ थे और इसे राजनीतिक साजिश मानते थे। प्रदर्शन के दौरान स्थिति हिंसक हो गई, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष किया।

सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान: प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया। कई सरकारी इमारतों पर हमले किए गए, वाहनों को नुकसान हुआ और कुछ स्थानों पर तो सार्वजनिक संपत्ति को आग लगा दी गई।

सुरक्षा बलों के साथ झड़पें: PTI समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद, स्थिति गंभीर हो गई, और इस हिंसा के कारण कई लोग घायल हुए।

राजनीतिक तनाव: इस हिंसा ने देश में भारी राजनीतिक तनाव पैदा किया। PTI और उसकी समर्थक जनता ने इसे "लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों का उल्लंघन" माना, जबकि सरकार ने इसे कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने के रूप में देखा।बहरहाल इस घटना के बाद, पाकिस्तान सरकार ने हिंसा की जांच के लिए एक टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की और इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया। इस विरोध प्रदर्शन और इसके बाद की घटनाएं पाकिस्तान केत्री राजनीति में एक अहम मोड़ के रूप में देखी जा रही हैं।

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