Israel-Hamas War: गाज़ा में इज़रायली हमले ही नहीं, भूख भी लोगों की परेशानी की वजह बन रही है। इस वजह से अब तक 124 लोगों की मौत हो चुकी है।
इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच चल रहे युद्ध की वजह से गाज़ा (Gaza) और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों में तबाही मच चुकी है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इज़रायली सेना ने भी अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी थी, जिसमें अब तक करीब 59 हज़ार फिलिस्तीनी अपनी जान गंवा चुके हैं। दुनियाभर में यह मांग उठ रही है कि इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म किया जाए, पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। हालांकि अब इज़रायल ने अगले आदेश तक युद्ध पर रणनीतिक रोक लगाने का फैसला लिया है। लेकिन क्या यह फैसला गाज़ा में मच रही तबाही की वजह से लिया गया है? नहीं, बल्कि इज़रायली हमलों की वजह से गाज़ा में एक अन्य बड़ी समस्या को देखते हुए लिया गया है।
गाज़ा में चल रहे युद्ध की वजह से खाने-पीने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। मार्च से मई तक इज़रायल ने गाज़ा में बाहरी मानवीय सहायता पर रोक लगा दी थी, जिससे गाजवासियों को बड़ी परेशानी हो रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि गाज़ा में अब भूख जानलेवा बन गई है। युद्ध के शुरू होने से अब तक गाज़ा में भूख की वजह से 124 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 81 बच्चे हैं। सिर्फ जुलाई महीने पर ही गौर किया जाए, तो भूख से 40 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 16 बच्चे हैं।
गाज़ा में इज़रायली सेना ने रविवार को आसमान से फूड-पैकेट्स गिराए। इतना ही नहीं, जॉर्डन और यूएई ने भी रविवार को हवाई जहाज के ज़रिए करीब 25 टन मानवीय सहायता गाज़ा में आसमान से बरसाई। इसमें खाने के साथ ही दवाएं और अन्य ज़रूरी सामग्री भी शामिल हैं।
इज़रायली सेना अगले आदेश तक गाज़ा में घनी आबादी वाले इलाकों में सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक जंग पर रणनीतिक रोक लगाएगी। सेना का कहना है कि यह रणनीतिक रोक उन इलाकों में लागू होगी जहाँ वो वर्तमान में ग्राउंड ऑपरेशन नहीं चला रही है, जिनमें अल-मवासी, देर अल-बलाह और गाज़ा शहर शामिल हैं। इससे मानवीय सहायता पहुंचाने में आसानी होगी।