Sylhet Road Accident: सिलहट के उस्मानीनगर में बस-कार टक्कर से हारुन मिया और 10 साल की बेटी अनीसा की मौत हो गई और चार ग्रामीण गंभीर घायल हो गए।
Sylhet Road Accident: बांग्लादेश के सिलहट जिले के उस्मानीनगर इलाके में शनिवार की सुबह एक भयावह सड़क हादसा (Osmaninagar Crash) हो गया। एक प्राइवेट कार और हबीबगंज की ओर जा रही बस (Bus Car Collision Bangladesh) के बीच जोरदार टक्कर (Sylhet Road Accident) हो गई। यह टक्कर इतनी तेज थी कि मौके पर ही एक शख्स की जान चली गई। आसपास के लोग दौड़ पड़े, लेकिन हालात इतने खराब थे कि बचाव का कोई मौका नहीं मिला। यह घटना करीब साढ़े नौ बजे हुई, जब सड़क पर ट्रैफिक सामान्य चल रहा था। स्थानीय लोग बताते हैं कि हाईवे पर स्पीड ज्यादा होने से ऐसी दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।
हादसे में मरने वालों में खादिमपुर गांव के रहने वाले हारून मियां और उनकी नन्ही बेटी अनीसा बेगम शामिल हैं। अनीसा सिर्फ 10 साल की थीं। हारून की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अनीसा को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों की सारी कोशिशें नाकाम रहीं और इलाज के दौरान उनकी सांसें थम गईं। परिवार वाले सदमे में हैं। अनीसा की मां रोते हुए कहती है कि बेटी स्कूल से लौट रही थी, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिखा। इस खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।
इस भयानक टक्कर में चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इनमें मुकित मिया (35 वर्ष), रहीमा खातून (30 वर्ष, अजीजुल इस्लाम की पत्नी), पन्ना बेगम (23 वर्ष, बिलाल अहमद की पत्नी) और मुन्नी अख्तर (23 वर्ष, सफिक मिया की बेटी) शामिल हैं। सभी एक ही गांव के हैं। पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिल कर उन्हें बचाया और सिलहट के उस्मानी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ लोगों की हालत नाजुक है, लेकिन अब खतरा कम हो गया है। परिवार वाले प्रार्थना कर रहे हैं कि सब जल्द ठीक हो जाएं।
उस्मानीनगर थाने के प्रभारी अधिकारी मोनयम मियां ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों वाहनों को कब्जे में ले लिया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि कार सिलहट की ओर जा रही थी। अधिकारी ने कहा कि ड्राइवरों की लापरवाही से ऐसा हुआ। अब केस दर्ज कर लिया गया है, जांच चल रही है। स्थानीय लोग पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
बहरहाल यह हादसा सिलहट हाईवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं की याद दिलाता है। पिछले कुछ महीनों में यहां कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि स्पीड लिमिट, साइन बोर्ड और ड्राइवर ट्रेनिंग की कमी बड़ी वजह है। सरकार को अब कड़े कदम उठाने होंगे। परिवारों का दर्द देख कर कोई भी विचलित हो जाए।