Operation Sindoor: भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए पाकिस्तान में कई आतंकी लॉन्च पैड्स तबाह कर दिए, जिससे आतंकी संगठनों को काफी नुकसान हुआ। अब पाकिस्तान इन लॉन्च पैड्स को फिर से बनाने की तैयारी में है।
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में 26 निर्दोष लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने पर भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) को सबक सिखाने के लिए 7 मई को तड़के सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) लॉन्च किया। भारत में इस सैन्य कार्रवाई में एयरस्ट्राइक्स करते हुए पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए। पाकिस्तानी सेना ने भी भारत से बदला लेने के लिए कई शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमले किए, लेकिन भारत के एयर डिफेंस के आगे वो हमले फेल हो गए। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर फिर हमला किया और कई लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया। अब इन तबाह हुए आतंकी ठिकानों और लॉन्च पैड्स के बारे में नया अपडेट सामने आया है।
भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तानी आतंकियों के जो ठिकाने और लॉन्च पैड्स तबाह हो गए थे, उन्हें पाकिस्तान अब फिर बनाएगा। इसके लिए भारी फंडिंग जुटाई जाएगी, जिससे नुकसान की भरपाई हो सके।
तबाह हुए आतंकी ठिकानों और लॉन्च पैड्स को फिर से बनाने के सिलसिले में पाकिस्तान के बहावलपुर में आतंकियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के अधिकारियों के बीच मीटिंग हुई। इस मीटिंग में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba - LeT), जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed - JeM), हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) और द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front - TRF) आतंकी संगठनों के टॉप कमांडर शामिल हुए। मीटिंग में आईएसआई अधिकारियों ने इस बात का आश्वासन दिया कि वो फंडिंग जुटाकर आतंकियों के ठिकाने और लॉन्च पैड्स, जिन्हें भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तबाह कर दिया था, को फिर से बनाने में मदद करेगा।
सूत्रों के अनुसार आईएसआई की मदद से पाकिस्तान में करीब 13 आतंकी लॉन्च पैड्स को फिर से बनाने की तैयारी है। भारत की एयरस्ट्राइक्स से जो नुकसान हुआ, उसकी मरम्मत की जाएगी और फिर रिडेवलपमेंट का काम किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार आईएसआई सिर्फ पाकिस्तान में आतंकी लॉन्च पैड्स को फिर से बनाने में ही मदद नहीं कर रहा, बल्कि आतंकियों के लिए नए प्लान पर भी काम कर रहा है। इस प्लान के मुताबिक आतंकी संगठन अपने ठिकानों को छोटे-छोटे ठिकानों में बांटेंगे। इससे एक ठिकाने पर ज़्यादा आतंकी नहीं रहेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे अगर कभी इन ठिकानों पर एयरस्ट्राइक हुई भी तो ज़्यादा आतंकियों के मौजूद न होने से ज़्यादा नुकसान भी नहीं होगा।