Iran : किसी कैदी के लिए उसकी सज़ा बढ़ाना बहुत बड़ी बात होती है, लेकिन मामला जब एक नोबल पुरस्कार विजेता कैदी का हो तो कुछ अधिक दर्दनाक बात होती है। ऐसा ही है यह मामला:
Iran: ईरान में कैद नोबल शांति पुरस्कार विजेता को 6 महीने और जेल की सज़ा सुनाई गई है। नोबल पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ( Narges Mohammadi ) को सक्रियता के लिए ईरान में अतिरिक्त जेल की सज़ा का सामना करना पड़ा, जिससे अंतरराष्ट्रीय आक्रोश फैल गया। मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता ( human rights activist) नरगिस मोहम्मदी के लिए अभियान चलाने वाले एक समूह ने कहा, ईरान ( Iran) के अधिकारियों ने नोबल शांति पुरस्कार विजेता ( Nobel Peace Prize ) नरगिस मोहम्मदी के खिलाफ छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा जारी की है। फ्री नार्जेस गठबंधन ने एक बयान में कहा कि मोहम्मदी को "आदेशों की अवज्ञा और विरोध करने" के आरोप में 19 अक्टूबर को अतिरिक्त छह महीने की जेल की सज़ा ( imprisonment) सुनाई गई थी।
उनके परिवार ने 6 नवंबर, 2023 को कहा था, नोबल शांति पुरस्कार विजेता 2023 नरगिस मोहम्मदी ने अपने और अन्य कैदियों के लिए चिकित्सा देखभाल की सीमा और इस्लामी गणतंत्र में महिलाओं के लिए हिजाब पहनने की बाध्यता के विरोध में अपनी ईरानी जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।
नरगिस मोहम्मदी को 2021 में हिरासत में लिया गया था, जब उन्होंने गैसोलीन की कीमतों में वृद्धि के कारण 2019 में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में मारे गए एक व्यक्ति के स्मारक में जाने की कोशिश की थी। नरगिस मोहम्मदी एक प्रसिद्ध ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, जिन्हें 2023 में नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे ईरान में महिलाओं के अधिकारों, खासकर हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने और राजनीतिक कैदियों के लिए न्याय की मांग करने के लिए जानी जाती हैं। उनके खिलाफ हाल ही में अतिरिक्त छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है, जिसका कारण उन्हें "आदेशों की अवज्ञा और विरोध" के आरोप में दोषी ठहराना बताया गया।
नरगिस ने जेल में रहते हुए चिकित्सा देखभाल की कमी और हिजाब पहनने की अनिवार्यता के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की, जिससे उनकी स्थिति और भी गंभीर हो गई। उनके मामलों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है और कई मानवाधिकार संगठनों ने उनके लिए अभियान चलाया है, जिसके तहत ईरानी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। नरगिस का मामला ईरान में मानवाधिकारों के हनन के हालात उजागर करने में महत्वपूर्ण है और उनकी गिरफ्तारी ने विश्व समुदाय में विरोध की लहर पैदा की है।