Pakistan Army Chief US Visit 2025: भारत के चीन दौरे से पहले पाक सेना प्रमुख मुनीर ने अमेरिका में सैन्य और राजनीतिक नेताओं से गुपचुप मुलाकात की।
Pakistan Army Chief US Visit 2025: भारत पाक तनातनी और की ओर से भारत पर टैरिफ लगाने से पैदा हुए तनाव के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से ठीक पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर अचानक अमेरिका दौरे पर पहुंच गए। इस दौरे की न तो पहले से कोई से कोई आधिकारिक घोषणा की गई थी और न ही अमेरिकी प्रशासन ने इस पर कोई जानकारी शेयर की। मौके का फायदा उठाते हुए यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव चल रहा है, और अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। ध्यान रहे कि चीन पाकिस्तान का मित्र माना जाता है।
अमेरिका पहुंचने के बाद जनरल मुनीर ने अमेरिकी सेना और राजनीति के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग और मज़बूत करने पर बातचीत की। जनरल मुनीर ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के नेतृत्व की खुल कर तारीफ की। उन्होंने कहा कि कुरिल्ला का योगदान द्विपक्षीय सैन्य रिश्तों को बेहतर बनाने में अहम रहा है।
इस दौरे में एक अहम मुलाकात अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन के साथ हुई। दोनों अधिकारियों के बीच आपसी सैन्य हितों और रणनीति को लेकर गहन चर्चा हुई। इस दौरान मुनीर ने जनरल केन को पाकिस्तान आने का न्योता भी दिया, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हो सकें।
अपने दौरे के दौरान जनरल मुनीर ने अमेरिका में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों से भी बातचीत की। उन्होंने उनसे अपील की कि वे पाकिस्तान के भविष्य में भरोसा बनाए रखें और देश में निवेश को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि प्रवासी समुदाय देश की आर्थिक तरक्की में एक अहम भागीदार बन सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब मुनीर अमेरिका गए हैं। इससे पहले भी वे एक पांच दिवसीय दौरे पर वहां जा चुके हैं। उस दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वाशिंगटन डीसी में लंच भी किया था, जिससे दोनों देशों की करीबी होने का संदेश गया था।
डोनाल्ड ट्रंप शासन में पाकिस्तान और अमेरिका की नजदीकियां बहुत बढ़ चुकी है। एक तरफ जहां अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, वहीं दूसरी ओर वो पाकिस्तान की पैरवी कर रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ (शुल्क) को लेकर तनाव पिछले कुछ वर्षों से बना हुआ है। यह विवाद खासतौर पर व्यापार असंतुलन, ड्यूटी बढ़ोतरी और आयात-निर्यात नीति को लेकर है। हाल ही में यह तनाव और बढ़ गया जब अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों पर 50% तक टैरिफ बढ़ा दिया।
अमेरिका ने भारत से आने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ाकर 25% से 50% कर दिया है। यह टैरिफ मुख्यतः स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और फार्मा जैसे क्षेत्रों पर लगाया गया है।
अमेरिका को आपत्ति है कि भारत रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीद रहा है, जिससे अमेरिका की वैश्विक रणनीति प्रभावित हो रही है। इसी को लेकर अमेरिका ने भारत पर आर्थिक दबाव बनाते हुए टैरिफ बढ़ाए।
भारत अपने घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विदेशी कंपनियों और उत्पादों पर निर्भरता कम कर रहा है, जिससे अमेरिका की कंपनियों के लिए भारत एक कठिन बाजार बन गया है।
भारत का मानना है कि यह टैरिफ वृद्धि व्यापार को नुकसान पहुंचाने वाली है और इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं। भारत WTO (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन) के नियमों के अनुसार जवाब देने की रणनीति बना रहा है।