Trump Immigration Policy: डोनाल्ड ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीति पर अमेरिकी वोटर्स की राय बंटी हुई है। कुछ इसे सुरक्षा का जरिया मानते हैं, तो कुछ इसे मानवीय अधिकारों का हनन कहते हैं।
Trump Immigration Policy: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) की कड़ी आव्रजन नीति (Trump Immigration Policy)को लेकर देशभर में बहस लगातार जारी है। दक्षिणी कैलिफोर्निया के सैन मार्कोस शहर में रहने वाले 25 वर्षीय कंटेंट क्रिएटर जुआन रिवेरा ( Juan rivera) ने ट्रंप को वोट दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि ट्रंप की आव्रजन पर सख्ती उनके इलाके को सुरक्षित बनाएगी और उनका मानना है कि ऐसा हुआ भी। रिवेरा का कहना है कि उनके इलाके में पहले "हिंसक प्रवृत्ति" वाले प्रवासी अक्सर देखे जाते थे, लेकिन अब स्थिति में सुधार है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे कभी नहीं भूल सकते जब उन्होंने देखा कि यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) एजेंटों ने लातीनी श्रमिकों के एक ट्रक को रोका और बिना पहचान पूछे उन्हें ले गए।
रिवेरा के कुछ रिश्तेदार यूएस बॉर्डर पेट्रोल में काम करते हैं, जबकि कुछ अभी लीगल रेसिडेंसी प्रक्रिया में हैं। वे डरते हैं कि कहीं काम पर जाते हुए उन्हें आव्रजन एजेंट न पकड़ लें। बावजूद इसके, रिवेरा ट्रंप प्रशासन को "जन सुरक्षा" के लिए अच्छे अंक देते हैं।
रॉयटर्स के सर्वेक्षण में फरवरी 2025 में ट्रंप को वोट देने वाले 20 मतदाताओं से उनकी राय पूछी गई। इनमें से 15 लोगों ने ट्रंप की आव्रजन नीति को 7 या उससे अधिक अंक दिए। किसी ने भी इसे 5 से कम नहीं कहा। सभी अवैध प्रवासियों पर सख्ती के समर्थन में दिखे, लेकिन नीतियों के अमल के तरीके पर सभी सहमत नहीं थे।
वर्जीनिया बीच के 75 वर्षीय डॉन जर्निगन, जो ट्रंप समर्थक हैं, कहते हैं कि ICE एजेंटों की कार्रवाई उन्हें "नाज़ी जर्मनी" की याद दिलाती है। वे मानते हैं कि कानून जरूरी है, लेकिन लोगों को सड़कों से उठा लेना गलत है।
दूसरी तरफ, विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के छात्र विल ब्राउन जैसे युवा मतदाता ट्रंप प्रशासन से और भी ज्यादा कड़ा रुख अपनाने की मांग कर रहे हैं। ब्राउन को ट्रंप के सहयोगी स्टीफन मिलर की नीतियों से गहरी सहानुभूति है।
जुआन रिवेरा जैसे मतदाताओं की राय है कि अवैध प्रवासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई को कई अमेरिकी नागरिक सुरक्षा से जोड़कर देखते हैं। वहीं, कुछ मतदाताओं का मानना है कि इस नीति का क्रियान्वयन अमानवीय तरीके से किया जा रहा है, जो अमेरिकी लोकतंत्र के मूल्यों पर सवाल उठाता है।
ट्रंप प्रशासन की नीतियों का लीगल इमिग्रेंट्स पर क्या असर पड़ा है ?
जो प्रवासी कानूनी प्रक्रिया में हैं, उनके लिए कौन-से खतरे या डर पैदा हुए हैं ?
2026 के चुनावों में यह मुद्दा कितनी बड़ी भूमिका निभाएगा?
रिवेरा के परिवार की तरह, जहां एक ओर सदस्य बॉर्डर पेट्रोल में काम कर रहे हैं और दूसरी ओर कुछ को डिटेंशन का डर है — यह दिखाता है कि यह मुद्दा केवल नीति नहीं, बल्कि निजी संघर्ष भी है।
विल ब्राउन जैसे युवा मतदाता ट्रंप की नीति को और कड़ा बनाने की मांग कर रहे हैं। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि भविष्य की राजनीति और भी अधिक ध्रुवीकृत हो सकती है।
बहरहाल डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीति को लेकर अमेरिका में समर्थन और विरोध दोनों हैं। कुछ लोग इसे सुरक्षा की गारंटी मानते हैं, जबकि दूसरों को मानवीय अधिकारों के उल्लंघन की चिंता है।