अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट (US Finance Minister Besant) का बयान आया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते जल्द ही सुधर जाएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने ट्रूथ सोशल पर भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को लेकर पोस्ट शेयर किया है। इसमें ट्रंप ने बताया कि भारत अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेचता है, जबकि अमेरिका भारत को बहुत कम सामान बेच पाता है। उन्होंने इस द्विपक्षीय व्यापार को आपदा करार दिया।
ट्रंप ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है। इससे अमेरिकी कंपनियों के लिए कारोबार करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल और सैन्य उपकरण खरीदता है, जबकि अमेरिका से बहुत कम खरीदता है। अब भारत ने अमेरिकी सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की बात कही है, लेकिन यह बहुत देर से उठाया गया कदम है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट (US Finance Minister Besant) का बयान आया है। बेसेंट ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि दोनों लोकतंत्रों की बुनियाद मज़बूत है और वे अपने मतभेदों को सुलझाने में सक्षम हैं। जल्द ही वाशिगंटन और नई दिल्ली के रिश्ते पटरी पर लौट आएंगे।
बेसेंट ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीद को चिंता का विषय बताते हुए कहा कि रूसी तेल खरीदने और उसे दोबारा बेचने से रूस युद्ध को लेकर वित्तपोषित हो रहा है। बेसेंट ने हाल ही में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी पर भी बात की।
उन्होंने इस आयोजन को "काफी हद तक औपचारिक" बताया और कहा कि यह एक नियमित वार्षिक बैठक है। बेसेंट ने आगे कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। उनके मूल्य चीन या रूस की तुलना में हमारे मूल्यों के कहीं ज़्यादा करीब हैं। वित्त मंत्री ने पुष्टि की कि "सभी विकल्प खुले हैं" क्योंकि अमेरिका, रूसी आक्रामकता पर अपनी प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा है। वैश्विक ऊर्जा प्रवाह में भारत अब कड़ी निगरानी में है।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाया है। इसमें 25% बेस लाइन टैरिफ है, और 25% रूस से तेल खरीदने की सजा के रूप में एडिशनल टैरिफ है, जो 27 अगस्त 2025 से लागू हो चुका है। अमेरिका के इस कदम से भारत के निर्यातकों पर बुरा असर पड़ा है। भारत ने भी रूसी तेल खरीदने के मुद्दे पर साफ कर दिया है कि वह रणनीतिक स्वायत्ता से समझौता नहीं करेगा।