अमेरिका का झुकाव अब रूस की ओर बढ़ रहा है। हाल ही में इसका एक और उदाहरण देखने को मिला।
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) की तीसरी वर्षगांठ से कुछ दिन पहले जारी किए गए संयुक्त बयान को लेकर G7 देशों के सदस्यों के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है। अमेरिका (United States Of America) ने इस वक्तव्य में रूस को आक्रमणकारी मानने से इनकार कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि इसकी जगह 'यूक्रेन जंग' शब्द का इस्तेमाल किया जाए। इतना ही नहीं, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव के मसौदे को सह-प्रायोजित करने से भी इनकार कर दिया है, जिसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करते हुए यूक्रेन से रूस के सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की गई है। ऐसे में पूरी दुनिया की नज़र अब 24 फरवरी को जारी होने वाले इन वक्तव्यों पर होगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में अमेरिका का यह रवैया पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के प्रशासन और उनके G7 सहयोगियों द्वारा पिछले तीन सालों में युद्ध के प्रति अपनाए गए रुख के बिल्कुल विपरीत है। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ऐसा लग रहा है कि अमेरिका का अब रूस की ओर झुकाव बढ़ रहा है।
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ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अब अमेरिका का यूक्रेन के लिए मिज़ाज बदल गया है। ट्रंप तो यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव नहीं कराने की बाद पर वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की (Volodymyr Zelenskyy) को तानाशाह तक कह चुके हैं।
एक सर्वे के अनुसार अगर यूक्रेन में आज चुनाव हुए तो ज़ेलेन्स्की अपने पूर्व कमांडर-इन-चीफ वालेरी ज़ालुज्नी (Valerii Zaluzhnyi) से बड़े अंतर (30% के मुकाबले 65% वोट) से हार सकते हैं। गौरतलब है कि ज़ेलेन्स्की का 5 साल का राष्ट्रपति कार्यकाल मई 2024 में समाप्त हो गया और उन्होंने मार्शल लॉ का हवाला देते हुए चुनाव कराने से इनकार कर दिया था।
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