अमेरिकी रिपोर्ट (USCC) में दावा किया गया है कि मई में हुए चार दिवसीय भारत-पाकिस्तान संघर्ष में पाकिस्तान विजयी रहा, जिसमें उसने चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया। चीन ने इसे राजनीतिक मकसद से लिखी गई रिपोर्ट बताया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां कई मौकों पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का श्रेय लिया है, वहीं अब उनके देश की एक प्रमुख आयोग की रिपोर्ट ने इस मामले पर एक बड़ा और विवादास्पद दावा किया है। हाल ही में जारी एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिनों के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने भारत को हराया था। इसके अलावा, रिपोर्ट में पहलगाम हमले को आतंकवादी हमला नहीं माना गया है, बल्कि इसे एक विद्रोही हमला करार दिया गया है।
यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन (USCC) द्वारा जारी इस 800 पन्नों की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने इस युद्ध का इस्तेमाल अपने आधुनिक हथियारों को दुनिया को दिखाने और उनका लाइव वॉर टेस्ट करने के लिए किया। युद्ध के बाद चीन ने दुनियाभर में अपने हथियारों का गुणगान किया और दावा किया कि पाकिस्तान ने इन हथियारों को उपयोग कर भारत के लड़ाकू विमानों को गिराया है। रिपोर्ट के अनुसार इस युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी सैन्य कामयाबी हासिल हुई।
रिपोर्ट में पाकिस्तान के उस दावे का भी जिक्र किया गया जिसमें उसने 6 भारतीय फाइटर जेट, जिसमें राफेल जेट भी शामिल थे, उन्हें गिराने की बात कही थी। रिपोर्ट में कहा गया कि, इस दौरान सिर्फ 3 भारतीय विमान गिराए गए। इसके अनुसार, इस युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने चीन के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, PL-15 मिसाइलें और J-10 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया। भारत ने भी पहले यह दावा किया था कि चीन से मिली खुफिया जानकारी को पाकिस्तान ने इस युद्ध में इस्तेमाल किया था, हालांकि पाकिस्तान ने इन दावों को खारिज कर दिया था।
बतां दे कि, USCC रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स पार्टी द्वारा बनाया गया एक अमेरिकी कमीशन है। यह चीन-अमेरिका के आर्थिक और सुरक्षा संबंधों की निगरानी करता है और हर साल चीन के कामों और दुनिया पर उसके प्रभाव की रिपोर्ट पेश करता है। इसकी इस साल की रिपोर्ट में इसने भारत-पाक संघर्ष में पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों के इस्तेमाल किए जाने की बात कही है।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर इसे लेकर हमलावर हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसका विरोध करते हुए सरकार से इसे लेकर सवाल किए है। कांग्रेस नेता ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, अब अमेरिकी कांग्रेस के यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी कमीशन की यह रिपोर्ट आई है, जो भारत के लिए एकदम अस्वीकार्य है। क्या प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय इस पर आपत्ति और विरोध दर्ज कराएंगे? हमारी कूटनीति को एक और गंभीर झटका लगा है।
वहीं चीन ने भी इस रिपोर्ट पर आपत्ती जताई है। चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए लिखा, USCC ने एक बार फिर से चीन की आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा क्षेत्र में हो रही तरक्की को ऐसे दिखाया गया है कि जैसे वह दुनिया के लिए खतरा हो। चीनी अखबार ने रिपोर्ट के राजनीतिक मकसद से लिखे होने की बात भी कही और दावा किया कि इसमें हकीकत का पूरी निष्पक्षता से विश्लेषण नहीं किया गया है। इसमें आगे लिखा, आयोग के भीतर चीन को लेकर गहरी गलतफहमियां और अहंकार मौजूद है। अखबार ने यह भी कहा कि, अमेरिका को चीन को और ज्यादा बेहतर तरीके से समझने की जरूरत है।