Russia President Putin news: पीस फोरम को संबोधित करने के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा। वह कुछ देर तक बोलते रहे और फिर उन्हें अहसास हुआ कि कोई उन्हें सुन ही नहीं पा रहा है।
Vladimir Putin microphone issue: रूस के राष्ट्रपति और भारत के दोस्त व्लादिमीर पुतिन दुनिया को हराने का जज्बा रखते हैं। जब वह बोलते हैं, तो दूसरे लीडर्स को बस सुनना पड़ता है। हालांकि, तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अशगाबात में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। पुतिन बोले, लेकिन दुनिया उन्हें कुछ देर तक सुन नहीं पाई। एक छोटी सी चीज के आगे रूसी राष्ट्रपति हारते नजर आए। उनके चेहरे पर गुस्सा था, मगर उसे ठीक से व्यक्त न कर पाने की मायूसी भी। चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा है क्या।
तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में इंटरनेशनल फोरम ऑन पीस एंड ट्रस्ट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिरकत करने पहुंचे थे। सबकी नजरें उन्हीं पर थीं। यूक्रेन के साथ युद्ध और यूरोप से आ रहीं खबरों के बीच पुतिन क्या बोलेंगे, यह हर कोई जानना चाहता था। पुतिन ने जब बोलना शुरू किया, तो कुछ देर तक दुनिया उन्हें सुन ही नहीं पाई। दरअसल, रूसी राष्ट्रपति का माइक्रोफोन काम नहीं कर रहा था। पुतिन बोलते गए और फिर अचानक उन्हें अहसास हुआ कि कोई उन्हें सुन नहीं पा रहा है।
पुतिन ने कई बार माइक्रोफोन ठीक करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। उनके चेहरे पर गुस्सा दिखाई दे रहा था, लेकिन किसी तरह अपने गुस्से को दबाए रहे। पुतिन मदद के लिए यहां-वहां देखते रहे। मेट्रो यूके की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 16 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख व्लादिमीर पुतिन को एक छोटे से माइक्रोफोन से हार मानते हुए देखते रहे। इसमें नाटो देशों के नेता भी शामिल थे, जो रूस के खिलाफ खुद को युद्ध के लिए तैयार कर रहे हैं। करीब 34 सेकंड तक पुतिन माइक्रोफोन से जूझते रहे, लेकिन उनकी समस्या हल नहीं हुई। इसके बाद एक असिस्टेंट वहां पहुंचा और पुतिन को बताया कि माइक्रोफोन को कहां से चालू करते हैं।
रूसी राष्ट्रपति को माइक्रोफोन से जूझता देख उनका मजाक भी उड़ा। अज़रबैजान के आउटलेट मिनवाल (Minval) में इस बारे में लिखा गया - पुतिन अपना माइक्रोफोन चालू नहीं कर पाए। उन्होंने गलत बटन दबा दिया और लगभग एक मिनट तक बिना यह जाने बोलते रहे कि कोई उन्हें सुन नहीं पा रहा है। वहीं, एक यूक्रेनी आउटलेट ने लिखा, 'पुतिन को वही मिला, जिसके वह हकदार थे। युद्ध में लाखों निर्दोषों को मारने के बाद पुतिन को शांति फोरम को संबोधित करने का कोई हक नहीं है'।
रूस को लेकर दुनिया में टेंशन बढ़ रही है। नाटो चीफ ने सभी सदस्य देशों को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है। वहीं, ब्रिटेन भी बड़ी खतरे की आशंका से सहमा हुआ है। यूके मीडिया देशवासियों को युद्ध की स्थिति में सुरक्षित ठिकाने बता रहा है। उधर, यूक्रेन भी लगभग यह साफ कर चुका है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव में बड़े बदलाव की जरूरत है। यूक्रेन द्वारा एक रूसी ऑयल प्लेटफॉर्म पर हमले के बाद स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। माना जा रहा है कि रूस-यूक्रेन में अब शांति की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है और युद्ध फिर भड़क सकता है।