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दिल्ली-मुंबई में ईरान के राष्ट्रपति के लिए हो रही बंपर वोटिंग, आखिर क्या है माजरा 

Iran Presidential Election: ईरान के चुनाव के लिए भारत के दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में वोटिंग हो रही है। कई लोगों के मन में सवाल है कि ईरान के चुनाव के लिए भारत में वोटिंग क्यों हो रही है?

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Votes are being cast for the presidential election of Iran at a polling centre in Delhi

Iran Presidential Election: ईरान में शुक्रवार को राष्ट्रपति के लिए वोटिंग हो रही है। राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi) की मौत के बाद ईरान में इस चुनाव का ऐलान किया गया था। लेकिन ईरान के चुनाव के लिए भारत के कई बड़े शहरों में बंपर वोटिंग हो रही है। जिसने हर किसी को चौंका कर रख दिया है कि आखिर ईरान (Iran) के चुनाव के लिए भारत में वोटिंग क्यों हो रही है। तो ये माजरा हम आपको समझाते हैं।

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे में वोटिंग

भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि ईरानी नागरिक अपने राष्ट्रपति का चुनाव (Iran Presidential Election) देश के संविधान के मुताबिक ही करेंगे जो भारत में रह रहे हैं। यानी भारत में रह रहे ईरानी नागरिक अपने देश के राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान कर रहे हैं। भारत सरकार की तरफ से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और पुणे में इस चुनाव के लिए पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां पर भारत में रह रहे ईरान के नागरिकों ने जाकर वोटिंग की। भारत के इस इंतजाम के लिए इलाही ने सरकार को धन्यवाद भी दिया है।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए 4 लोग मैदान में

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए ईरानी राजदूत ने कहा कि ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 4 लोग मैदान में खड़े हैं। ये हैं सईद ज़लीली, मोहम्मद बाकर कालीबाफ, मुस्तफा पोरमोहम्मदी, मसूद पेजेशकियन। भारत सरकार ने जो किया उससे ईरान और भारत के द्विपक्षीय संबंध और ज्यादा मजबूत होंगे। 

भारत और ईरान के बीच मजबूत संबंधों की गवाह चाबहार बंदरगाह परियोजना है जो अफगानिस्तान के साथ व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण यातायात बंदरगाह के तौर पर काम कर रही है। चाबहार बंदरगाह के विकास और संचालन में भारत एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है।

इब्राहिम रायसी की मौत के बाद अचानक चुनाव का ऐलान

बता दें कि ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए शुक्रवार को ईरान में अचानक घोषित हुए राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ। जिनकी इस साल 19 मई को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। ईरान में चुनाव के लिए मस्जिदों और स्कूलों सहित सार्वजनिक स्थानों पर 58,640 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।

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