वैज्ञानिकों ने 6,100 क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) की दुनिया की सबसे बड़ी ऐरे तैयार की है, जो अब तक की संख्या से दस गुना अधिक है।
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैलटेक) के भौतिकविदों ने क्वांटम कंप्यूटिंग में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। उन्होंने 6,100 क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) की दुनिया की सबसे बड़ी ऐरे बनाई है, जो अब तक की संख्या से दस गुना अधिक है। क्वांटम कंप्यूटिंग में ऐरे उस स्ट्रक्चर को कहते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) को क्रमबद्ध तरीके से व्यवस्थित कर एकसाथ कंट्रोल और ऑपरेट किया जाता है। यह उपलब्धि भविष्य में एरर करेक्टेड बड़े क्वांटम कंप्यूटर बनाने का रास्ता खोलगी।
कैलटेक टीम ने ऑप्टिकल ट्वीजर्स नामक तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें लेजर बीम से परमाणुओं को ट्रेप किया गया। 12,000 लेजर बीम से 6,100 सीजियम परमाणुओं को कैप्चर कर वेक्यूम चैंबर में अरेंज किया गया। स्क्रीन पर ये परमाणु छोटे-छोटे बिंदुओं के रूप में दिखे, जो बड़े पैमाने पर क्वांटम हार्डवेयर के बिल्डिंग ब्लॉक्स माने जाते हैं। खास बात यह रही कि स्केल बढ़ने के बावजूद प्रदर्शन बेहतर रहा। क्यूबिट्स ने 13 सेकंड तक अपनी नाजुक स्थिति बनाए रखी और 99.98% सटीकता से कंट्रोल हुए।
शोधकर्ताओं ने ऐरे में परमाणुओं को स्थिर रखते हुए ट्रांसफर करने की कैपेसिटी भी दिखाई, जो एरर करेक्शन के लिए जरूरी है। अब अगला कदम हैक्यूबिट्स को आपस में जोड़कर ऐसी स्थिति बनाना, जिसमें वे एक साथ काम करें। इसे एंटैंगलमेंट कहते हैं और यही असली क्वांटम गणनाओं का समाधान है। यह तकनीक नए पदार्थों का सिमुलेशन, ब्लैक होल की स्टडी और ब्रह्मांड की क्वांटम पावर की मॉडलिंग करने में मदद करेगी।