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Kartik Month Pradosh Vrat 2024: कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत कब है, जान लें इसका शुभ मुहूर्त और महत्व

Kartik Month Pradosh Vrat 2024: क्या आप भी प्रदोष व्रत करते है,तो यहां जानें कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत कब है और क्या है इस व्रत का महत्व।

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Nov 08, 2024
Kartik Month Pradosh Vrat 2024

Kartik Month Pradosh Vrat 2024: हर महीने दो पक्ष होते हैं। एक कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन शिव जी का व्रत रखने से अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इस साल जानिए कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत कब (Pradosh Vrat Kab Hai) है और क्या है इस व्रत का महत्व। 

कार्तिक माह प्रदोष व्रत (Kartik Month Pradosh Vrat)

दक्षिण भारत में भारत में प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से जाना जाता है और इस व्रत को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है। जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। कुछ लोग शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रदोष के बीच फर्क बताते हैं। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं।

कहा जाता है कि जिस दिन त्रयोदशी तिथि होती है उसी दिन दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल का व्रत सूर्यास्त से ही प्रारम्भ हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष के दिन शिव जी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं। इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करना शुभ होता है। इसी प्रकार जब प्रदोष का दिन बुधवार को पड़ता है, तो इसे बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है।

कार्तिक माह प्रदोष व्रत तिथि (Kartik Month Pradosh Vrat Date)

हिंदू पंचाग के अनुसार, कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरूआत 13 नवम्बर को दोपहर 01 बजकर 1 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगी। वही इसका समापन अगले दिन यानि 14 नवम्बर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर होगा। 

पूजा का शुभ मुहूर्त (Subh Muhurat)

प्रदोष पूजा मुहूर्त: 05:30 संध्या से 08:08 संध्या
अवधि: 02 घण्टे 38 मिनट्स

दिन का प्रदोष समय: 05:30 संध्या से 08:08 संध्या

प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Pradosh Vrat)

कार्तिक महीने का प्रदोष व्रत बहुत ही खास होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के दुख-दर्द, दोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही  व्यक्ति के पाप भी धूल जाते हैं और बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Updated on:
09 Nov 2024 05:04 pm
Published on:
08 Nov 2024 07:08 pm
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