Karwa Chauth 2024 Niyam For Unmarried Girl: कुंवारी लड़किया भी रख सकती है करवा माता का व्रत जान लें यह नियम।
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ का व्रत बेहद पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। यह व्रत सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी लड़कियां और जिनकी शादी जल्द होने वाली हो, वे भी यह व्रत रख सकती हैं, लेकिन उनके लिए नियम (Karwa Chauth Puja Niyam For Unmarried Girls) अलग हैं। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में....
करवा चौथ का व्रत विशेष रुप से सुहागिन महिलाएं रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा की पूजा करके अपने पति का चेहरा देखकर व्रत का समापन करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती है। वहीं जिन लड़कियों की शादी जल्दी होने वाली है, उनके द्वारा भी करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। लेकिन कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ व्रत के नियम सुहागिन महिलाओं से अलग होते हैं और उनको इन्हीं नियमों के तहत पूजा-अर्चना करनी चाहिए। आइए जानते हैं कुंवारी लड़कियां या जिनकी जल्द ही शादी होने वाली हो, वे करवा चौथ का व्रत किस तरह रखें और उनको कौन से नियमों का पालन करना चाहिए।
वैसे तो करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं भी रखती हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में कुवारी लड़किया भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। मान्यता है कि कुंवारी कन्या यदि करवा चौथ का व्रत रखे तो उसे अच्छा जीवनसाथी मिलता है और जल्दी विवाह के योग भी बनते हैं। लेकिन कुंवारी कन्याओं के लिए करवा चौथ के व्रत नियम अलग होते हैं। और हमें इनका विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं यानि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना जल भी ग्रहण नहीं करती। लेकिन कुंवारी कन्याओं के लिए ऐसा कोई नियम लागू नहीं होता है। उन्हें इस दिन निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए और दिन में फलाहार अवश्य लेना चाहिए। क्योंकि सही मायने में करवा चौथ का निर्जला व्रत विवाह के बाद ही शुरू होता है।
करवा चौथ में महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है। लेकिन कुंवारी लड़कियों को सोलह श्रृंगार नहीं करना चाहिए। कुंवारी लड़कियां सुहाग के रंग जैसे लाल, पीला, हरा आदि रंग के नए वस्त्र पहन सकती हैं और सादगी के साथ इस व्रत को पूरा कर सकती हैं। साथ ही विवाहित महिलाओं के हाथों से मेहंदी लगवानी चाहिए।
कुंवारी लड़कियों को सुहागिन माहिलाओं की तरह ही पूजा करनी चाहिए। उनको सुबह जल्दी उठकर माता पार्वती व शिव की पूजा करनी चाहिए। उसके बाद माता- पार्वती व शिव जी को भोग लगाए। इस पूजा की विधि सुहागिन महिलाओं से समझ सकती हैं।
महिलाएं पूजा करने के बाद रात को चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। लेकिन कुंवारी लड़कियों को चंद्रमा को अर्घ्य नहीं देना चाहिए। क्योकि चंद्रमा को अर्घ्य शादी के बाद देते हैं।