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लाठी-डंडों से पीट-पीटकर की थी हत्या, अब मिला इंसाफ; 4 दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट ने सुनाया कड़ा फैसला

Amroha News: अमरोहा के सैदनगली थाना क्षेत्र में नौ साल पुराने किसान हत्याकांड में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक ही परिवार के चार दोषियों को उम्रकैद और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है।

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amroha farmer murder case 4 convicted life imprisonment

लाठी-डंडों से पीट-पीटकर की थी हत्या | Image Source - Pexels

Farmer murder case Amroha: यूपी के अमरोहा में नौ साल पहले हुए चर्चित किसान हत्याकांड में आखिरकार न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने एक ही परिवार के चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर कुल 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला सैदनगली थाना क्षेत्र के गांव हरियाना का है, जहां 8 सितंबर 2015 की शाम करीब 5:30 बजे हुई वारदात ने पूरे इलाके को दहला दिया था।

डेयरी से लौटते वक्त रास्ते में घेरकर किया था हमला

घटना के दिन गांव निवासी अब्दुल गनी और उनके तहेरे भाई अब्दुल रहीम गांव की डेयरी से दूध बेचकर घर लौट रहे थे। इसी दौरान पुरानी रंजिश के चलते गांव के ही इसरार, फुरकान, मुख्तयार, आस मोहम्मद उर्फ नन्हे और दिलशाद ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से फायरिंग की और लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई कर दी। हमला इतना घातक था कि अब्दुल रहीम गंभीर रूप से घायल हो गए।

परिवार की चीख-पुकार के बीच नहीं रुके हमलावर

शोरगुल सुनकर अब्दुल रहीम का परिवार मौके पर पहुंचा और बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उन पर भी लाठी-डंडों से हमला कर दिया। घायल अब्दुल रहीम को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुला राज, फायरिंग नहीं बल्कि पिटाई से हुई मौत

पहले पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि हत्या गोली मारकर की गई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि मौत लाठी-डंडों की चोटों से हुई है। इस तथ्य को दोषी पक्ष ने अपने बचाव में रखा, लेकिन अदालत ने माना कि चाहे गोली से या पिटाई से अब्दुल रहीम की हत्या जानबूझकर की गई थी। अदालत ने कहा कि हत्या के पीछे साफ तौर पर रंजिश और मारने की नीयत थी।

अदालत में चली लंबी सुनवाई, एक आरोपी की बीच में हुई मौत

इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रविंदर गर्ग ने मुकदमे की पैरवी की। सुनवाई के दौरान आरोपी इसरार की मौत हो गई, जबकि शेष चार फुरकान, मुख्तयार, आस मोहम्मद उर्फ नन्हे और दिलशाद को अदालत ने दोषी करार दिया। सभी को उम्रकैद की सजा और 15-15 हजार रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया गया।

पीड़ित परिवार की जिद ने दिलाया इंसाफ

परिवार ने लगातार इस मामले की पैरवी की और न्याय की मांग जारी रखी। लंबे समय बाद अदालत ने परिवार की दलीलों और अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए कहा कि हत्या का अपराध साबित हो चुका है।


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