
Amroha Lok Sabha Seat
Amroha Lok Sabha Seat: अमरोहा लोकसभा सीट (Amroha Lok Sabha Seat) पर मतदाताओं ने किसी भी पार्टी और निर्दलीय को निराशा नहीं किया है। इस सीट पर मतदाताओं ने सभी को वोट देकर संसद तक भेजने काम किया है। इस बार जनता जनार्दन किस को अपने मतों से विजय बनाएगी, यह अभी अतीत के गर्भ में छिपा है। 1952 से लेकर 1971 तक तीन बार कांग्रेस ने और इसके बाद दो बार सीपीआई ने जीत दर्ज की थी।
1977 और 1980 में जनता पार्टी, 1984 में कांग्रेस और 1989 में एक बार फिर जनता दल को जीत मिली। 1991 के बाद 1998 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान सांसद चुने गए। विधानसभा सीटों में वर्चस्व रखने वाली समाजवादी पार्टी महज एक बार 1996 में चुनाव जीत सकी है।
वहीं, 1999 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर राशिद अल्वी ने चुनाव जीता था। 2004 में यह सीट निर्दलीय हरीश नागपाल और 2009 में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के खाते मे चली गई थी। वहीं 2014 में यहां पर भाजपा के कंवर सिंह तंवर को जीत मिली थी, जबकि 2019 में सपा-बसपा के गठबंधन पर यहां बसपा के दानिश ने जीत दर्ज की थी।
गढ़-अमरोहा लोकसभा सीट पर दलित, सैनी और जाट वोटर अधिक संख्या में हैं, मुस्लिम वोटरों की संख्या 20 फीसदी से ऊपर है। इसके अलावा जाट, सैनी और खड़गवंशी भी मुस्लिम-दलित गठजोड़ को बराबरी की टक्कर देते हैं।
Published on:
19 Mar 2024 05:46 pm
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