गोपनीय सूचना पर पहुंची पुलिस टीम
इंस्पेक्टर हरीशवर्धन सिंह सोमवार रात करीब 2:30 बजे पुलिस टीम के साथ गश्त कर रहे थे, तभी मुखबिर से सूचना मिली कि मीरपुर गांव के पास एक बंद पड़े ईंट भट्ठा परिसर में कुछ लोग गोकशी की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की। इसके बाद एसओजी और सर्विलांस टीम भी वहां पहुंच गई।
बदमाशों ने की अंधाधुंध फायरिंग
पुलिस को देख बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में हेड कांस्टेबल हिदायत अली के हाथ में गोली लगी, जबकि कांस्टेबल दीपक कुमार की जैकेट पर गोली लगी लेकिन वे सुरक्षित रहे। जवाबी फायरिंग में हिस्ट्रीशीटर कासिम के पैर में गोली लग गई और वह गिर पड़ा। उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।
तमंचा, बाइक और गोकशी के उपकरण बरामद
घायल बदमाश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने उसके पास से तमंचा, कारतूस, एक बाइक और गोकशी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए हैं। मौके पर पहुंचे एसपी अमित कुमार आनंद, एएसपी अखिलेश भदौरिया और सीओ शक्ति सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
बीस से ज्यादा मुकदमे दर्ज, पहले भी रहा है सक्रिय
पूछताछ में घायल बदमाश ने अपना नाम कासिम उर्फ पेप्सी निवासी ढकिया चमन बताया। फरार बदमाश की पहचान मुनव्वर के रूप में हुई है। एसपी ने बताया कि कासिम एक हिस्ट्रीशीटर है, जिसके खिलाफ अमरोहा, मुरादाबाद समेत विभिन्न जिलों में बीस से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
नीलीखेड़ी मामले में पहले से था संदिग्ध
एसपी ने बताया कि 18 मई को डिडौली के नीलीखेड़ी गांव के जंगल में गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिले थे। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ गोहत्या और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसमें कासिम का नाम सामने आया था और तभी से उसकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही थी।
फरार बदमाश की तलाश जारी
फिलहाल पुलिस फरार आरोपी मुनव्वर की तलाश में जुटी है और क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।