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26 स्कूलों का उन्नयन तो कर दिया, भवन नहीं बने, पुरानी कक्षाओंं में हो रहा संचालन

जिले में स्कूलों का उन्नयन तो कर दिया गया, लेकिन जरूरी संसाधन नहीं बढ़ाए गए। यहां तक कि उन्नयन के बाद अधिकांश स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए जगह तक नहीं है। जिले में 26 हाई स्कूल तथा हायर सेकंडरी विद्यालय तो भवन विहीन है। इन विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों में अव्यवस्था के बीच […]

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जिले में स्कूलों का उन्नयन तो कर दिया गया, लेकिन जरूरी संसाधन नहीं बढ़ाए गए। यहां तक कि उन्नयन के बाद अधिकांश स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए जगह तक नहीं है। जिले में 26 हाई स्कूल तथा हायर सेकंडरी विद्यालय तो भवन विहीन है। इन विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों में अव्यवस्था के बीच कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। विद्यार्थियोंं के साथ ही विद्यालय स्टाफ भी परेशान है। प्रबंधन अधिकारियों को हर वर्ष समस्या की जानकारी देता आया है लेकिन आज तक भवन स्वीकृत नहीं हो पाए। जिलेभर में 26 हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल भवन विहीन हैं जिनमें से 23 से हाई स्कूल है और तीन हायर सेकंडरी विद्यालय हैं। भवन विहीन हाई स्कूल में अनूपपुर विकासखंड में हाई स्कूल भालूमाडा, बेलिया बड़ी, परासी, जर्रा टोला खोडरी, देवरी, सेमरा, देवरी अमलाई, बाड़ीखार, लामाटोला, जैतहरी विकासखंड में शासकीय हाई स्कूल परसवार, बरगवा, बकही, कांसा,चकेठी, केल्होरी, कोतमा विकासखंड में शासकीय हाई स्कूल पथरौडी, पुष्पराजगढ़ विकासखंड में शासकीय हाई स्कूल लीलाटोला, दुधमनिया, टिटही, तुम्मीबड़ी, करन पठार, सरफा, गोंदी शामिल हैं। इसी तरह भवन विहीन तीन हायर सेकेंडरी विद्यालयों में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भाद, हायर सेकेंडरी बालक अनूपपुर और पोड़ीचौड़ी शामिल हंै।

उन्नयन के बाद नहीं मिल पाया भवन

ये सभी विद्यालयों के बीते कुछ वर्षों में अपग्रेड हुए हैं। उन्नयन के बाद विभाग ने यहां भवन निर्माण करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया। हालत यह है कि वर्ष 2006 से लेकर 2018 तक हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी में विद्यालयों का उन्नयन किया गया लेकिन आज भी इनका संचालन मिडिल स्कूल और हाई स्कूल के पुराने भवनों में किया जा रहा है। उन्नयन के पश्चात यहां विद्यालय भवन स्वीकृत किए जाने को लेकर के विद्यालय प्राचार्य के साथ ही स्थानीय अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों ने भी पत्राचार करते हुए आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों से मांग की। इसके बावजूद यहां आज तक भवन स्वीकृत नहीं हो पाया।

अव्यवस्था के बीच कक्षा का संचालन

भवन विहीन 23 हाई स्कूल और तीन हायर सेकंडरी विद्यालय का संचालन माध्यमिक एवं हाई स्कूल के पुराने भवनों में किया जा रहा है जहां पर पहले से ही बच्चों के बैठने के लिए जगह नहीं थी। नई कक्षाओं का संचालन होने के कारण यह परेशानी और भी बढ़ गई। अव्यवस्था के बीच यहां छात्र-छात्राओं को बैठने की मजबूरी बनी हुई है। बैठने की बेहतर व्यवस्था न होने से बच्चों का यहां पढ़ाई में भी मन नहीं लग पाता है। यही कारण है कि बीते कुछ वर्षों में इनमें से कुछ स्कूलों का परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहा है।

जो भी विद्यालय भवन विहीन हंै उनके निर्माण के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रयास यही रहेगा कि जल्द से जल्द उनकी स्वीकृति मिले और इसका कार्य प्रारंभ किया जाए।

हर्षल पंचोली, कलेक्टर अनूपपुर