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अमरकंटक साधु संतों एवं ऋषियों की तपस्या स्थली, पवित्र बनाएं रखना हम सभी की जिम्मेदारी- शिवराज

सीवर परियोजना को ६ माह पूर्ण कराने सीएम ने दिया अल्टीमेटम, नर्मदा किनारे नहीं होंगे पक्के निर्माण

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Amarkantak ascetics, saints and sages place austerity, keeping it sacr

अमरकंटक साधु संतों एवं ऋषियों की तपस्या स्थली, पवित्र बनाएं रखना हम सभी की जिम्मेदारी- शिवराज

अनूपपुर। ‘पवित्र अमरकंटक नगरी साधु संतो एवं ऋषि-मुनियों की तपस्या स्थली रही है। इसे पवित्र बनाएं रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। अमरकंटक क्षेत्र के नागरिक एवं संत समाज सोचे कि हमारी गंदगी पवित्र नर्मदा नदी तक न पहुंचे। नर्मदा जल ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य आगामी 6 माह में पूरा किया जाएं। नर्मदा के तट पर अमरकंटक क्षेत्र में पौधरोपण किया जाएं।’ यह बात धार्मिक महत्ता के साथ पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने प्रसाद योजनांतर्गत अमरकंटक में 49.98 करोड़ लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। उन्होंने जिला प्रशासन को अमरकंटक में पक्के निर्माण कार्यो को प्रतिबंधित करने तथा सीमेंट और कंक्रीट के कार्यो में प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा अमरकंटक क्षेत्र के पर्यावरण को वैज्ञानिक ढंग से संतुलित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि नर्मदा नदी का संरक्षण और संर्वधन हो जिसके माध्यम से नर्मदा का जल पुन: कल-कल बहे। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा गायत्री और सावित्री सरोवरो से भी गाद निकालने का कार्य प्रारंभ करने के निर्देश प्रशासन को दिए। इस मौके पर सीएम ने अमरकंटक क्षेत्र में ध्यान के लिए जंगलों में कुटी भी बनाने की योजना बताई। साथ ही कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के 825 मूलनिवासियों को आवास योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा अमरकंटक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटिया है। इन जडी बूटियों की खेती के लिए जनजातीय परिवार को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि जनजातीय परिवारो से जड़ी बूटियों के ज्ञान का लाभ आमलोगों तक पहुंचाया जा सके। इस दौरान केन्द्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री ने भी मुख्यमंत्री के साथ प्रसाद योजनांतर्गत अमरकंटक में 49.98 करोड़ लागत के विकास कार्यों के शिलान्यास में सहभागिता दी। गुरूवार को अमरकंटक क्षेत्र के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय पर्यटन ने 80 करोड़ से अधिक की लागत के विकास कार्यों की सौगात दी। जबकि मिनी स्मार्ट सिटी योजना के तहत 8 करोड़ लागत के कार्यों का लोकार्पण भी किया। वहीं 24.92 करोड़ लागत के विभिन्न विकास कार्यों का किया भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया गया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री दोपहर १२.५० बजे विश्वविद्यालय परिसर पोंडकी हेलीपैड पर पहुंचे। यहां से मुख्यमंत्री का काफिला अमरकंटक नर्मदा मंदिर पहुंचा जहां नर्मदा कुंड पर मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने मां नर्मदा के दर्शन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की। कार्यक्रम के दौरान नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, पर्यटन संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री उषा बाबू सिंह ठाकुर, आदिम जाति कल्याण एवं जनजातीय कार्य विभाग मंत्री मीना सिंह, शहडोल सांसद हिमाद्रि सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बॉक्स: उद्गम स्थल से कम हो रही नदी की धारा
मुख्यमंत्री ने कहा नर्मदा नदी प्रदेश की जीवन रेखा है। वही इसके उद्गम स्थल अमरकंटक को इंसानो ने विकृत स्वरूप दिया है। जिसके कारण नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से नर्मदा की धारा दिनों दिन कम हो रही है। नर्मदा के उद्गम स्थल में गंदा पानी और मैला न मिले इसके लिए सख्त कदम उठाएं जाएंगे। केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि नर्मदा की सुंदरता के अलावा स्वच्छता पर भी ध्यान देने की आवश्यता है। इस क्षेत्र में व्यवसायिक भवनो के निर्माण पर प्रतिबंध होना चाहिए तथा गंदगी मां नर्मदा के आंचल में नहीं जाए इसके प्रयास करने होंगे। साथ ही अमरकंटक में कमर्शियल एक्टीविटीज को रोकना होगा। संस्कृति, पर्यटन एवं आध्यात्म विभाग मंत्री उषा बाबू सिंह ठाकुर ने रामगमन पथ के निर्माण के प्रयास की अपील की।
बॉक्स: सांसद ने क्षेत्र के विकास के लिए पांच मांग रखी
कार्यक्रम के दौरान सांसद हिमाद्री सिंह ने पुष्पराजगढ़ के विकास के लिए पंाच मांग रखी, जिसपर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति प्रदान की है। सांसद ने करपा क्षेत्र में महाविद्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन, खेल विकास के लिए फुटबॉल अदामिक की स्थापना, परसवार में पुल निर्माण, धार्मिक स्थलों के सरंक्षण की मांग रखी।
बॉक्स: ये है प्रस्तावित कार्य
१. मां नर्मदा उद्गम मंदिर एवं समीपवर्ती क्षेत्र में 4.12 करोड़ की लागत से विकास कार्य
२.17 करोड़ 72 लाख की लागत से इन्द्रदमन ताल एवं दक्षिणी तट का सौंदर्यीकरण
३. 8 करोड़ की लागत से मेला ग्राउंड का विकास
४. 2 करोड़ 14 लाख की लागत से टुरिस्ट फैसिलिटी सेंटर
५. माई की बगिया, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में 5 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण
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