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सांसद, विधायक के गृह क्षेत्र का बस स्टैंड बदहाल, पेयजल व बैठने की व्यवस्था नहीं

सुलभ शौचालय पर लटक रहा ताला, वर्षों से जारी अव्यवस्था का नहीं हो रहा समाधान

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पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत जनपद मुख्यालय राजेंद्र ग्राम हमेशा से ही राजनीतिक प्रतिनिधित्व का केंद्र रहा है। वर्तमान में भी शहडोल लोकसभा क्षेत्र की सांसद और पुष्पराजगढ़ विधायक भी राजेंद्रग्राम से ही हैं। इसके बावजूद यह क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है। राजेंद्रग्राम में आवागमन का मुख्य साधन बस रूट ही है लेकिन यहां स्थित बस स्टैंड में आज भी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। गर्मी के मौसम में यात्रियों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वर्षों से यात्रियों को होने वाली इस परेशानी पर जनप्रतिनिधियों को कोई चिंता नहीं।

सुलभ शौचालय पर दो वर्षों से लगा ताला

राजेंद्र ग्राम बस स्टैंड में बीते दो वर्षों से सुलभ शौचालय में ताला लटकने के कारण लोगों को परेशान पड़ता है। कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी यहां आने वाले महिला यात्रियों को होती है।

जनप्रतिनिधि उदासीन

कटनी से सफर करके आने वाले युवा राजेश कुमार ने बताया कि बस स्टैंड से 100 मीटर की दूरी से हैंड पंप से पानी भर कर लाया हूं। यहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर 5 लीटर पानी दुकान से खरीदूंगा तो 100 लगेंगे। क्या करें प्यास बुझाने के लिए कहीं से तो लाना ही पड़ेगा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस बारे में सोचना चाहिए।

जमीन में बैठकर प्रतीक्षा करते हैं यात्री

बस स्टैंड में ही खाने के होटल चलाने वाले मामू रजक का कहना है बस स्टैंड प्रतीक्षालय में यात्रियों के बैठने की कोई सुविधा न होने के कारण यात्री नीचे जमीन पर या बसों के खड़े होने वाले यार्ड में बैठकर बस की प्रतीक्षा करते हैं। यहां यात्रियों के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। प्रतीक्षालय के अंदर भी साफ सफाई नहीं होती। बैठने की व्यवस्था भी नहीं।

परेशान होते हैं यात्री शौचालय की नहीं है कोई व्यवस्था

बस स्टैंड राजेंद्र ग्राम में पिछले 15 वर्षों से बस एजेंट का कार्य कर रहे पिंटू द्विवेदी ने बताया कि यहां हर रोज 60 से 65 बसें आती हैं। कटनी से लेकर नागपुर, जबलपुर तक जाने वाली बसों में दूर के मुसाफिर भी आते हैं लेकिन शौचालय न होने के कारण खासकर महिलाओं को बहुत ही दिक्कत होती है। यात्री हमसे सौचालय के बारे में पूछते हैं, सुविधा न होने पर व्यवस्था को कोसते हुए लोग यात्रा करते हैं।

50 मीटर दूर से पानी लेकर आते हैं यात्री

राजेंद्र ग्राम जिले का सबसे बड़ा विकासखंड है। यहां 100 से अधिक ग्राम पंचायत हैं। ट्रेन रूट न होने के कारण बस ही आवागमन का मुख्य साधन है। राजेंद्र ग्राम बस स्टैंड में प्रतिदिन 65 बसों का आवागमन होता है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में यात्री यहां से अपनी यात्रा प्रारंभ करते हैं, लेकिन यात्री सुविधाओं की बात की जाए तो बस स्टैंड परिसर में पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। 50 मीटर दूर लगे हैंड पंप से यात्रियों को पानी पीने जाना पड़ता है। बस छूटने के डर से यात्री पानी पीने भी नहीं जा पाते हैं। गर्मी में तो परेशानी और भी बढ़ जाती है। हैंडपंप भी आए दिन बिगड़ा रहता है। इससे मटमैला पानी भी निकलने लगता है।

सुलभ शौचालय कुछ दिनों से बंद पड़ा हुआ है जिसकी मरम्मत कराई जाएगी। जल्द ही इसे शुरू करा दिया जाएगा। पेयजल के लिए हैंडपंप लगा है। प्रतीक्षालय परिसर में भी पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी।

फुंदेलाल सिंह मार्को, विधायक पुष्पराजगढ़