अनूपपुर। नगर पालिका अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 2 में नजूल की भूमि पर संचालित शासकीय मॉडल स्कूल के लिए आवंटित 10 एकड़ जमीन में से 9 एकड़ पर हुए अतिक्रमण को हटाने जिला प्रशासन ८ वर्ष से नाकाम रहा है। दिनोंदिन स्कूल की आवंटित भूमि पर अवैध रूप से मकानों का निर्माण हो रहा है और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। लगातार बढ़ते अतिक्रमण के चलते मॉडल स्कूल में स्वीकृत बालक छात्रावास सहित खेल मैदान और बाउंड्री वॉल का निर्माण नहीं हो पाया है। यहां खुद स्कूल की जरूरतों के लिए होने वाले निर्माण के लिए प्रबंधन को अधिकारियों से विनती करनी पड़ती है, इसके बाद भी बिना रणनीति के यत्र-तत्र निर्माण कराया जाता है। जिसके कारण भविष्य में बच्चों के लिए प्रस्तावित खेल मैदान जैसी सुविधा पर विराम लग रहा है। बताया जाता है कि केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर वर्ष 2014 में शासकीय मॉडल उच्चतर स्कूल अनूपपुर का संचालन किया गया था। जहां आवंटित भूमि अब तक अतिक्रमणकारियों से मुक्त नहीं हो सकी है। शासकीय जमीन से 27 कब्जेदारो को हटाने प्रशसान को ८ साल बीत गए है। लेकिन आदेशों के बाद भी प्रशासकीय अधिकारियों ने कब्जेदारो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। परिणामस्वरूप ८ साल पूर्व संचालति हुई स्कूल आज भी बिना खेल मैदान के संचालित हो रही है। वहीं स्कूल के आसपास की भूमि पर कब्जेदारों ने फसल की बुआई के साथ पक्के आशियाना बनाकर कब्जा जमा रखा है। तीन करोड़ की लगात से 10.74 एकड़ में संचालित की गई केन्द्रीय मॉडल स्कूल सिर्फ स्कूल भवन नजर आ रही है। जबकि बच्चों के खेलने के लिए न तो कोई मैदान उपलब्ध है और ना ही सुरक्षा के लिए बाउंड्रीबॉल। प्राचार्य एसके परस्ते का कहना है कि पौने घंटे के लंच ऑवर के दौरान बच्चे को खेलने के लिए बाहर नहीं जाने दिया जाता है। बच्चों के खेलने के दौरान कब्जेदारों द्वारा अभद्रता की जाती है। जबकि शासकीय राजस्व के नक्शे में शासकीय मॉडल स्कूल की जमीन रकवा 11/1 के 10.74 एकड़ जमीन के रूप में चिह्नित है। जिसमें भवन के लिए मात्र एक एकड़ जमीन का उपयोग किया है, शेष जमीन अब भी अतिक्रमण की चपेट में दर्ज है। इसके लिए तत्कालीन कलेक्टर नंद कुमारम् ने सभी 27 कब्जेदारो को नोटिस जारी करते हुए अतिक्रमण खाली करने के निर्देश दिए थे, जिसपर अतिक्रमणकारियों ने खाली से इंकार कर दिया था। जिसके बाद जुलाई 2015 में जिपं सीईओ ने भी तहसीलदार अनूपपुर को आदेश पत्र जारी करते हुए मॉडल स्कूल के पास बने अतिक्रमण को खाली कराने के निर्देश दिए। इसके बाद फिर से नोटिस जारी किए गए, बावजूद स्कूल परिसर के आसपास से अतिक्रमण को नहीं हटाया जा सका है। [typography_font:18pt]बॉक्स: अतिक्रमण हटाने प्रशासन ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की[typography_font:18pt]विद्यालय प्रबंधन द्वारा वर्ष 2015 से लगातार एसडीएम और कलेक्टर को यहां हुए अतिक्रमण को हटाए जाने पत्राचार किया जा रहा है। लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शासकीय मॉडल स्कूल की आवंटित भूमि पर जो कब्जा है उसे हटाने कभी कोई कार्रवाई नहीं की। हालात यह शासकीय स्कूल अतिक्रमण की चपेट में है। परिणामस्वरूप स्कूल के विद्यार्थियों को अपनी साइकिले तक खड़ी करने के लिए जगह नहीं है, विद्यालय के 50 मीटर दूरी पर ही अवैध कब्जा मौजूद है।[typography_font:18pt]बॉक्स: स्कूल को नुकसान, अधिकारी झाड़ रहे पल्ला[typography_font:18pt]बताया जाता है कि यहां अतिक्रमण में शामिल लोगों को अनूपपुर जिला बनने से पूर्व ही इंदिरागांधी आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया था। जिसके कारण उक्त भूमि का इनके पास भी पट्टा है। लेकिन वर्ष २०१० के दौरान तत्कालीन कलेक्टर ने बिना कागजी दस्तावेजों की जांच पड़ताल यहां की लगभग १०.७४ एकड़ भूमि शासकीय मॉडल स्कूल के नाम आवंटित कर दी गई, जो आज विवाद का कारण बनी हुई है। असुरक्षित स्कूल परिसर के कारण आए दिन किसी कमरे की खिलकियों के कांच चटकते रहती हैं। वहीं अतिकमण के कारण स्कूली के विकासी विस्तार को विराम सा भी लग गया है। [typography_font:18pt]वर्सन:[typography_font:18pt]इस सम्बंध में हमने कई बार पत्राचार कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है। बच्चों को खेल मैदान सहित बालक छात्रावास भी नहीं बनाया जा सका है। [typography_font:18pt]एसके परस्ते, प्राचार्य मॉडल स्कूल अनूपपुर।[typography_font:18pt;" >----------------------------------------------