
महिला स्व सहायता समूहों को दी कोदो पैकेजिंग और शहद प्रसंस्करण की जानकारी
अनूपपुर। समाज के समग्र विकास की अवधारणा महिलाओं के बिना कोरी है। अब मनुष्य भौतिकतावादी युग में प्रवेश कर चुका है। इस युग में पुरूष और महिला समान अधिकार और अवसरों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, कई क्षेत्रों में तो महिलाओं ने पुरूषों को कड़ी चुनौतियां भी दी हैं। हमें अपने अधिकार समझने होंगे और मेहनत के साथ इन अवसरों का उपयोग करना होगा। यह बात इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में संचालित आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केंद्र के समन्वयक डॉ. आषीष माथुर ने कही। ग्राम पंचायत भेजरी में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 14 मार्च को गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) शहडोल, भेजरी, बहपुरी, पोंडी, लालपुर, नोनघटी सहित आसपास क्षेत्र की महिलाएं शामिल हुईं। डॉ. माथुर ने ग्रामीणों की आजीविका वृद्धि को लेकर एलबीआई द्वारा कोदो पैकेजिंग और शहद प्रसंस्करण के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की महिलां प्रतिभाओं की धनी हैं और उन्होंने कोदो और शहद को आजीविका से जोडक़र कार्य किया है। उन्होंने कहा जल्द ही वह समय आएगा जब क्षेत्रीय स्वसहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के उत्पाद बड़े-बड़े मार्केट में अपनी जगह बनांएगे। गांव के सरपंच दिलराज सिंह ने शहद प्रसंस्करण वं मधुमक्खी पालन को लाभ का व्यापार बताया और महिलाओं को क्षेत्र में मधुमक्खी पालन के लिए अनुकूल कृषि व पौधरोपण की बात कही। कार्यक्रम के दौरान नाबार्ड ने क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले तीन महिला स्वसहायता समूहों को सम्मानित किया। इनमें प्रथम लक्ष्मी समूह बहपुरी, द्वितीय गणेश समूह पोंडी व तृतीय सरस्वती समूह भेजरी है। इसके अलावा तीन महिला कृषक वं मधुमक्खी पालन व शहद उत्पादन में सक्रिय कार्य करने वाले सतगुरू, सरस्वती वं जयमाता दी स्वसहायता समूहों को भी पुरस्कृत किया गया।
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Published on:
15 Mar 2021 11:51 am
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