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किरर घाट की कमजोर चट्टानों का टूटने लगा मलवा

दो सालों से सडक़ की नहीं हो रहा मरम्मत, हो सकता है बड़ा हादसा, प्रशासनिक अधिकारी बेसुध

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Malar began to break down the weak rocks of Kirr Ghat

किरर घाट की कमजोर चट्टानों का टूटने लगा मलवा

अनूपपुर। अनूपपुर-शहडोल से राजेन्द्रग्राम-अमरकंटक जाने वाली एमपीआरडीसी मुख्य मार्ग किररघाट हनुमान मंदिर के पास चट्टाने अब धंसकने लगी है। जिसका मलवा उंची पहाड़ी चट्टानो से सडक़ते हुए नीचे मुख्य मार्ग पर पसर रहा है। इससे जहां उपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो रही है, वहीं मालवा गिरने के दौरान नीचे किसी बड़े हादसे की आशंका भी बढ़ गई है। पिछले मानसून के दौरान किररघाट की आधी चढ़ाई के उपरांत आने वाले सिद्ध हनुमान मंदिर के पास लगभग ५० मीटर का चट्टानी सडक़ का मुंडारा बारिश की बारिश में धसकते हुए नीचे जा गिरा था। इस कटाव को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर पत्थर और अस्थायी रेलिंग लगाकर खतरा सम्भावित क्षेत्र बताया गया। लेकिन इसके बाद इस हिस्से की सुधार अबतक नहीं की जा सकी है। जिसके कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों व पदैल यात्रियों में हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती है। जबकि यहां तीक्ष्ण मोड़ के कारण वाहनों की आवाजाही में परेशानी होती है। चालकों का कहना है कि अगर यह कटाव इसी तरह बना रहा तो वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाएगी। इसका मुख्य कारण पिछले दो सालों से एमपीआरडीसी के अधीनस्थ से सडक़ को शासन के अधीनस्थ करने के कारण हुई है। दो सालों से सडक़ के साथ साथ किररघाट व अमरकंटक की पहाड़ी चढाई वाले हिस्से की भी मरम्मत और पेचवर्क का कार्य नहीं हुआ है। जिसके कारण जगह जगह सडक़ गडढे के रूप में खतरनाक बन गई है। वहीं बारिश के प्रत्येक बौछार में किरर घाट में स्खलन से घाट से टूट कर मिट्टी, पत्थर सडक पर निरंतर गिर रहे हैं। बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी सुधी नहीं ली है।
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