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गांजा तस्करी पर रहेगी पैनी नजर

पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों सहित वर्तमान संदिग्धों की होगी धड़पकड़

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Shahdol online

May 06, 2016

anuppur news

ganja

अनूपपुर. प्रदेश में गांजा तस्करी का प्रमुख प्रवेश द्वार माने जाना वाले अनूपपुर जिले में अब गांजा तस्करों के खिलाफ पुलिस विशेष अभियान चलाएगी। जिसमें जिले मे गांजा तस्करी में शामिल रहे आरोपियों सहित थाना शासकीय पुलिस पुलिस की खैर नहीं। मामले में पुलिस कप्तान गांजा तस्करी करने वाले आरोपियों और संदिग्धों से पूछताछ सहित सम्बंधित थाना क्षेत्र में किसी शासकीय पुलिस सेवकों की संलिप्तता पर भी नजर रखने की योजना बनाई जा रही है।
इसके लिए पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा ने शहडोल रेंज आईजी डीके आर्य के निर्देशन में गांजा तस्करी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को चयनित करते हुए वहां गांजा मामले में पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों सहित वर्तमान में संदिग्ध माने जाने वाले निगरानी व्यक्तियों की धड़-पकड़ करते हुए विभिन्न बिन्दूओं पर पूछताछ करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही जरूरत पडऩे पर ऐसे आरोपियों में कुछ लोगों के खिलाफ विशेष कार्रवाई करते हुए सलाखों के पीछे भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस अधीक्षक ने इसके लिए अनूपपुर-शहडोल सीमा स्थित रामपुर खांडा गांव सहित राजेन्द्रग्राम क्षेत्र को चिह्नित किया है।
क्यों लिया निर्णय
3 मई की दोपहर जेल बिल्डिंग के पास महाराष्ट्र नम्बर की वाहन से पकड़े गए डेढ़ क्विंटल गांजा तथा वाहन में सवार हुए 5-7आरोपियों की फरारी के बाद पुलिस ने माना की अनूपपुर में गांजा की तस्करी अन्य प्रदेशों की अपेक्षा सबसे अधिक होती है। इससे पूर्व भी अमरकंटक के जालेश्वर मार्ग तिराहा पर पुलिस ने लगभग 01 क्विंटल गांजा जब्त किया था। जबकि10 मार्च 2016 को जगदलपुर में भी राजेन्द्रगाम के चार युवकों सहित 40 किलोग्राम गांजा को पकडऩे की कार्रवाई छग पुलिस ने की थी। वहीं वर्ष 2015 के मार्च माह में उड़ीसा के कोरापुटा गांव में गांजा तस्करी के लिए राजेन्द्रग्राम से गए चार युवकों को ग्रामीणों द्वारा वाहन सहित जला देने की घटना पर पुलिस ने यह निर्णय लिया है।
थाना पर भी रहेगी पैनी निगाह
अभी तक जिस प्रकार से गंाजा तस्करी के मामले सामने आए, जिसमें शहडोल सहित रीवा और मुख्य रूप से अनूपपुर जिला तस्करी में मुख्य भूमिका निभाता नजर उसपर आईजी शहडोल ने चिंता जताई है। उनमें उनका मानना है कि थाना क्षेत्र से गुजरा गांजा वाहन कहीं न कहीं पुलिस की संलिप्ता पर भी जाता है। जिसके लिए अब आईजी के निर्देश पर रेंज सहित जिले के अधीनस्थ कप्तानों के थानों पर भी पैनी निगाह रहेगी। जरूरत पडऩे पर इसमें थाना प्रभारियों से पूछताछ भी की जा सकेगी।
तो करोड़ के गांजा के साथ करोड़ के वाहन
विभागीय सूत्रों के अनुसार नवम्बर 2013 में जिले में अचानक गांजा तस्करी के कारोबार में आई बढ़ोत्तरी पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल ने गांजा तस्करी के खिलाफ विशेष टीम गठित कर कार्रवाई आरम्भ करवाई थी। जिसमें अबतक लगभग 35 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जिसमें लगभग 1700 क्विंटल गांजा जब्त किया गया है। जिसकी बाजारू कीमत लगभग 1 करोड़ रूपए आंकी जाती है। जबकि इस प्रकरण में जब्त हुए वाहनों की संख्या भी प्रकरण के अनपात में शामिल है। जिसकी कीमत भी लगभग 1 करोड़ से अधिक है। इनमें 28 वाहनों को न्यायालय द्वारा राजसात किया जा चुका है।


ये है गांजा तस्करी के बड़े नमूने
उड़ीसा से छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित महाराष्ट्र व आसपास के क्षेत्रों में गांजा तस्करी का अनूपपुर सबसे सुरक्षित स्थल माना जाता है। इसका मुख्य कारण बिलासपुर छत्तीसगढ़ से अनूपपुर में प्रवेश के दो अलग अलग रास्ते। जहां से प्रवेश के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कारगर थाना क्षेत्र नहीं। जिसका फायदा उठाते हुए अमरकंटक मार्ग से राजेन्द्रग्राम व शहडोल तो दूसरी ओर वैंकटनगर से प्रवेश करते हुए जैतहरी व रामपुर खांडा तक गांजा का वाहन सुरक्षित पहुंचता है। अभी तक जो भी पुलिस द्वारा कार्रवाई हुई उनमें मुख्य रूप से 10 नम्बर 2013 ाके सफारी वाहन से 180 किलोग्राम गंाजा के साथ वाहन, 18 जून 2014 को सूमो वाहन के साथ 130 किलोग्राम गांजा, 14 जुलाई 2014 को सफारी से 196 किलोग्राम गंाजा, 21 फरवरी 2015 को सफारी से 86 किलोग्राम, 9 मई 2015 को कार से 108 किलोग्राम गंाजा, 12 जुलाई 2015 को दो वाहनों से 85 किलोग्राम गांजा, 26 नम्वबर 2015 को 1 क्विंटल गांजा, जबकि फरवरी 2016 को 1क्विंटल गांजा तथा 3 मई 2016 को 130 किलोग्राम गांजा शामिल है।