अनूपपुर। एसईसीएल हसदेव क्षेत्र अंतर्गत कुरजा उपक्षेत्र अंतर्गत प्रभावित ग्राम नंदगांव में पेयजल समस्या से सैकड़ो ग्रामीण परेशान है। जिसके निराकरण को लेकर प्रबंधन का उदासीन रवैया बने होने से पर्याप्त मात्रा में पेयजल की आपूर्ति भी ग्रामीणों को नहीं हो रही है। यह ग्राम कुरजा कॉलरी के कोयला उत्खनन से प्रभावित ग्राम है। जहां प्रबंधन के द्वारा डिप्लेयरिंग करते हुए कोयले का उत्खनन कर लिया गया है। जिसके कारण यहां स्थित हैंडपंप और कुआं सूख चुके हैं। पूर्व में यहां पर पेयजल के लिए प्रबंधन द्वारा टैंकर की व्यवस्था बनाई गई थी, लेकिन बाद में कॉलरी प्रबंधन की अनेदखी में वर्तमान में बंद पड़ी हुई है। कभी-कभी ग्रामीणों की मांग पर पानी दे भी दिया जाता है तो वह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं उपलब्ध होता है।[typography_font:18pt]बॉक्स: दशकों से प्रभावित सैकड़ों परिवार[typography_font:18pt]दशकों से नंद गांव सहित आसपास के क्षेत्र में कॉलरी प्रबंधन द्वारा किए गए कोयले का उत्खनन के बाद आज तक स्थानीय लोगों को कोई राहत प्रदान नहीं किया गया है। जिन्हें ना तो नौकरी दी गई और ना ही मुआवजा प्रदान किया गया है। वही यहां रहने वाले सैकड़ों परिवार प्रतिवर्ष पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। वर्ष 2017 में कोयला उत्खनन के बाद अचानक भूस्खलन जैसी स्थिति भी यहां निर्मित हुई थी। जहां जमीन तथा मकानों में गोफ बन गए थे, जमीन में भी लम्बी चौड़ी दरारें बन गई थी। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से सहायता की मांग की गई थी। जिसमें तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर मनीषा पांडेय के द्वारा मौके का निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों को अन्यत्र पुनर्वास कराने के लिए कॉलरी को निर्देश दिए गए थे। इसमें ग्राम पंचायत रेउंदा में पुनर्वास के लिए भूमि निर्धारित की गई थी, लेकिन आज तक पुनर्वास नहीं हो पाया है। जिससे ग्रामीण आज भी परेशान हैं।[typography_font:18pt;" >---------------------------------------------