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रूस-यूक्रेन युद्ध से सीधा 5 से लेकर 15 हजार रुपए का नुकसान

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान शेयर मार्केट गिरने से 7 दिन में पांच से 15 हजार रुपए का नुकसान हो गया।

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रूस-यूक्रेन युद्ध से सीधा 5 से लेकर 15 हजार रुपए का नुकसान

रूस-यूक्रेन युद्ध से सीधा 5 से लेकर 15 हजार रुपए का नुकसान

अशोकनगर. रूस-यूक्रेन युद्ध से सिर्फ विद्यार्थियों को ही परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है, बल्कि इस युद्ध का असर सभी पर किसी न किसी रूप में पड़ रहा है, युद्ध का असर जहां महंगाई पर पड़ रहा है, वहीं कर्मचारियों को भी इस युद्ध के कारण नुकसान झेलना पड़ रहा है, ये बात स्वयं कर्मचारियों ने बताई है। उन्होंने बताया कि हमें सीधे 5 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

ऐसे हो रहा 15 हजार तक का नुकसान

बड़ी संख्या में कर्मचारियों के साथ पहुंचकर शिक्षक संघ ने पुरानी पेंशन योजना लागू कराने की मांग की और कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी का अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे। साथ ही कहा कि एनपीएस का पैसा शेयर मार्केट में लगा दिया जाता है और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान शेयर मार्केट गिरने से 7 दिन में प्रत्येक कर्मचारी पांच से 15 हजार रुपए का नुकसान हो गया।

पुरानी पेंशन की मांग

शुक्रवार को मप्र शिक्षक संघ ने कर्मचारी संगठनों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, राज्यमंत्री और प्रमुख सचिव के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन दिया। शिक्षक संघ के जिला सचिव शिवकुमार शर्मा ने कहा कि पड़ोसी राज्य राजस्थान व छत्तीसगढ़ ने पुरानी पेंशन लागू कर दी, लेकिन मप्र सरकार ने बजट में इस बावत कोई घोषणा नहीं की, इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। साथ ही कहा कि एनपीएस छलावा है, कर्मचारियों का 10 फीसदी व सरकार द्वारा 14 फीसदी राशि एनपीएस में जमा की जाती है और इस राशि को शेयर मार्केट में लगा दिया जाता है, लेकिन शेयर मार्केट गिरने से कर्मचारियों को नुकसान हुआ है। साथ ही ज्ञापन में चेतावनी दी कि यदि एक माह में मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो संगठन आंदोलन करेगा। इस दौरान मनोज भटनागर, जगदीश अवस्थी, रंजीत सिंह यादव, हरिशंकर शर्मा, अभिषेक चौधरी सहित अन्य उपस्थित रहे।

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यह भी रखी मांग

-30 से 38 वर्षों से एक ही पद पर सहायक शिक्षक, प्रधानाध्यापक, व्याख्याता, प्राचार्य, सहायक संचालक व उपसंचालक को योग्यता व प्राप्त वेतनमान के आधार पर उच्च पदनाम दिया जाए, यह मांग वित्त रहित है।

-केंद्र के समान यथावत वेतनमान, गृहभाड़ा भत्ता साथ ही पात्रताधारी गुरुजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देते हुए नवीन शिक्षक संवर्ग की शिक्षा विभाग में रोकी गई क्रमोन्नति आदेश शीघ्र प्रसारित किए जाएं।