
बेतवा खतरे के निशान से एक फिट नीचे, राजघाट के 16 गेट खुले तो फिर डूब गया यूपी-एमपी पुल
अशोकनगर। फिर से शुरु हुई बारिश दूसरे दिन भी जारी रही। 24 घंटे में अशोकनगर-मुंगावली में एक-एक इंच और ईसागढ़ में 1.5 सेमी बारिश दर्ज की गई। इससे खेत फिर से पानी से भर गए और नदियां उफान पर आ गईं। भोपाल के कलियासोत बांध के गेट खुलने से जिले में बेतवा उफान पर है जो खतरे के निशान से एक फिट नीचे बह रही है, इससे राजघाट के 16 गेट खोल दिए गए और यूपी-एमपी के बीच बना पुल डूब गया। पुल से 15 फिट ऊपर पानी बहने से दोनों प्रदेशों के बीच सुबह से ही आवाजाही बंद है और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है।
रिमझिम बारिश का दौर जारी
शनिवार को दो घंटे हुई तेज बारिश के बाद रात में भी रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा, तो वहीं रविवार को दोपहर बाद शाम तक तेज बारिश जारी रही। इससे जहां नदियां उफान पर आ गईं और ग्रामीण क्षेत्र में कई रास्ते बंद हो गए। वहीं शहर में भी सड़कों व गलियों में करीब डेढ़ से दो फिट पानी भर गया। साथ ही पानी की निकासी न हो पाने से शहर के कई मोहल्लों में घरों में पानी भर गया, इससे लोग परेशान होते रहे।
बारिश होने की संभावना बताई
मौसम विभाग ने इसका कारण क्षेत्र के ऊपर से निकली मानसूनी ट्रफ लाइन को बताया है, साथ ही 28 अगस्त के आसपास उत्तरी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान बताया है और 28 अगस्त के बाद बाद दो-तीन दिन तक क्षेत्र में तेज बारिश का अनुमान बताया है। वहीं मौसम विभाग ने सोमवार को भी क्षेत्र के अधिकांश स्थानों पर बारिश होने की संभावना बताई है।
राजघाट: 16 गेटों से हर सेकेंड निकाल रहे 94.24 लाख लीटर पानी-
भोपाल के बांध के गेट खुलने से बेतवा नदी का बहाव तेज हो गया था, इससे शनिवार को सुबह 9 बजे राजघाट बांध के तीन गेट खोल दिए गए थे। लेकिन रविवार को दिनभर बेतवा नदी कंजिया पुल से तीन फिट नीचे बहती रही, इससे रविवार सुबह सात बजे राजघाट के 12 गेट खोल दिए और 11 बजे से 16 गेट खोलकर 332962 क्यूसेक (94 लाख 24 हजार 484 लीटर प्रति सेकेंड) पानी बाहर छोड़ा जा रहा है।
पुल डूब गया
इससे यूपी-एमपी के बीच बने राजघाट पुल सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक डूबा रहा।बेतवा रिवर बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बेतवा में बहाव कम होने पर गेट बंद किए जाएंगे।
नुकसान: नष्ट हो गई उड़द की 60 फीसदी फसल, करोड़ों का नुकसान-
मघा नक्षत्र में बारिश को किसान फसलों के लिए लाभदायक मानते थे, इस बार ज्यादा बारिश नुकसान का कारण बन गई है। जिले में 1.62 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन व 1.10 लाख हेक्टेयर में उड़द की फसल है। गदूली के किसान सादिक मोहम्मद के मुताबिक 125 बीघा में से उनकी 40 बीघा का उड़द पूरी तरह खत्म हो गया, तो वहीं हारुन खान का 16 बीघा खेत में सिर्फ दो बीघा में ही उड़द सही बचा है।
60 फीसदी अधिक फसल नष्ट हो गई
काछी बरखेड़ा के किसान मनोज श्रीवास्तव ने 35 बीघा में उड़द बोया था, 50 फीसदी जमीन का उड़द गलकर नष्ट हो गया है। यह सिर्फ दो या तीन गांव की बात नहीं, बल्कि जिले के ज्यादातर गांवों में उड़द की फसल इसी तरह से गलकर नष्ट हो चुकी है। किसानों के मुताबिक उड़द की 60 फीसदी अधिक फसल नष्ट हो गई और सोयाबीन में भी नुकसान है।
जिले में अब तक हुई बारिश पर एक नजर-
ब्लॉक अब तक औसत से तुलना
अशोकनगर 894 105.18 प्रतिशत
चंदेरी 814 81.40 प्रतिशत
ईसागढ़ 690 78.59 प्रतिशत
मुंगावली 912 114.00 प्रतिशत
औसत जिला 828 93.82 प्रतिशत
(बारिश मिमी में।)
इस बार बारिश में यह भी खास-
- जिले में 882 मिमी औसत बारिश, अब तक 827.50 मिमी बारिश हो चुकी है। पिछले वर्ष 25 अगस्त तक 597.25 मिमी बारिश हुई थी।
- औसत की तुलना में जिले में 93.82 फीसदी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक और पिछले वर्ष से 38.55 फीसदी अधिक है।
- बारिश में प्रदेश में जिला 22वे स्थान पर है, सबसे ज्यादा मंदसौर में सामान्य से 118 प्रतिशत ज्यादा व सबसे कम सीधी में सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश हुई।
Published on:
26 Aug 2019 01:56 pm
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