
अशोकनगर। बारिश heavy rain 2019 ने इस बार पिछले आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले 24 घंटे में जिले में 84.5 मिमी बारिश हुई। लगातार तीन दिन से जारी बारिश से खेत पूरी तरह से पानी से डूब चुके हैं तो वहीं दो सैंकड़ा से अधिक कच्चे मकान धरासाई हो गए। गिट्टी से भरा ट्रैक्टर-ट्राली पुल से निकलते समय अचानक नदी के उफान पर आने से डूब गया और ड्राईवर ने कूंदकर जान बचाई। वहीं नेशनल हाईवे के पुल पर दिन में लगातार सात घंटे तक एक फिट ऊपर पानी बहता रहा और लोग जान जोखिम में डालकर निकलते रहे।
ड्राईवर ने कूंदकर जान बचाई
तेज बारिश से जिले की सभी नदियां उफान पर हैं और विदिशा, भोपाल, ललितपुर, सिरोंज सहित अशोकनगर-पिपरई, पिपरई-मुंगावली मार्ग बंद हैं। पिपरई-अशोकनगर मार्ग पर रविवार सुबह करीब आठ बजे गिट्टी से भरा ट्रैक्टर-ट्राली निकल रहा था, जो पुल पर मिट्टी में धंस गया और अचानक नदी उफान पर आ गई, इससे ट्रैक्टर-ट्राली पानी में डूब गए और ड्राईवर ने कूंदकर जान बचाई।
यही स्थिति जिले के अन्य मार्गों की भी रही
तहसीलदार इकबाल खान और डायल 100 मौके पर पहुंचे, हालांकि शाम तक ट्रैक्टर को नहीं निकाला जा सका। सुबह 9 बजे मोला और कैं थन नदी के उफान पर आने से बहादुरपुर में नेशनल हाईवे 346ए के पुल के एक फिट ऊपर से पानी बहता रहा, हालांकि शाम चार बजे पानी पुल से नीचे हुआ। यही स्थिति जिले के अन्य मार्गों की भी रही।
ग्राउंड रिपोर्ट: मकान गिरे तो गाय-भैसों के बीच रह रहे परिवार-
शंकरपुर मगरदा में रामवीर साहू का 7 दिन पहले बारिश से घर गिर गया, तो गाय बांधने की जगह में सामान रख लिया था, लेकिन एक दिन पहले वह दीवार भी गिर गई, इससे अब ईटों की दीवार बना एक पलंग पर पूरा परिवार रहने मबजूर है। मलबे में दबे गृहस्थी के सामान को भी वह नहीं निकाल पा रहे हैं, क्योंकि रखने के लिए जगह नहीं है।
वहीं तुलसीराम ओझा के घर में भी इस सीजन में चार बार पानी भर चुका है, इससे दीवारें गलने लगी हैं। इससे अब परिवार गाय-भैंसों के बीच सामान रखकर रहने मजबूर है। टकनेरी में घरों की दीवारें गिर जाने से आदिवासी परिवारों को कांटों और झाडिय़ों की बागड़ लगाकर रहना पड़ रहा है। जिले में दो सैंकड़ा से अधिक मकान धरासाई हो चुके हैं और बारिश के बीच लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
समस्या: घरों में भरा पानी, घुटनों तक पेंट चढ़ाकर पहुंचे विधायक-
अमाही तालाब के पास स्थित आदिवासी बस्ती में करीब 10 मकान गिर गए हैं ओर कई घरों में पानी भरा हुआ है। इससे लोगों को रहने के लिए जगह नहीं बची है और रविवार को विधायक जजपालसिंह जज्जी ने गांव पहुंचे तो घरों के हालात जानने के लिए उन्हें घुटनों तक पेंट चढ़ाकर जाना पड़ा। बाद में विधायक ने तहसीलदार को फोन लगाकर ग्रामीणों को नुकसान का उचित मुआवजा दिलाने की बात कही।
गांव में भरा बांध का पानी
मढख़ेड़ा गांव के बांध में दूसरे गांव के ग्रामीणों ने गेट लगा दिए, इससे अब गांव में पानी भर गया और फसलें डूब गई। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि बांध की पार टूटने वाली है, इससे एसपी सहित प्रशासन मौके पर पहुंचा। इस पर सिचाई विभाग ने बांध से अतिरिक्त पानी निकालने खुदाई कराई तो अन्य गांवों के लोगों ने मशीन नहीं चलाने दी। इससे शाम तक विवाद की स्थिति बनी रही। सिचाई विभाग के एसडीओ डीपी गोल्या का कहना है कि हर अतिरिक्त पानी निकालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण काम नहीं करने दे रहे हैं।
पिछले वर्षों में 22 सितंबर तक हुई बारिश-
वर्ष ------------बारिश
2010 ------------ 820.0
2011 ------------ 1368.8
2012 ------------ 844.5
2013 ------------1263.7
2014 ------------ 691.5
2015 ------------ 751.5
2016 ------------ 977.5
2017 ------------792.5
2018 ------------1022.5
2019 ------------ 1278.5
(बारिश मिमी में, आंकड़े भू-अभिलेख अनुसार।)
जिले में हुई बारिश पर एक नजर-
ब्लॉक बारिश अब तक सामान्य से तुलना
अशोकनगर 75 1350 158.82 प्रतिशत
चंदेरी 46 1349 134.90 प्रतिशत
ईसागढ़ 99 1134 129.16 प्रतिशत
मुंगावली 118 1281 116.13 प्रतिशत
औसत जिला 84.5 1278.5 144.95 प्रतिशत
(बारिश मिलीमीटर में)
विभाग ने वेस्टवियर पर बोरिया रखवाकर अस्थाई व्यवस्था की थी, जो पानी में बह गईं। गांव वालों ने पानी निकासी का रास्ता बंद कर दिया था। हम एसडीएम-तहसीलदार के साथ गांव गए थे और पानी निकासी की व्यवस्था बनवा दी है। अब गांव में कोई खतरा नहीं है। बारिश रुकने के बाद सिचाई विभाग फिर से पानी रोकने की व्यवस्था करेगा।
डॉ.मंजू शर्मा, कलेक्टर अशोकनगर
Published on:
23 Sept 2019 11:10 am
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