
अशोकनगर. मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में करीला मेले का तीन दिवसीय भव्य आयोजन किया जा रहा है, ये स्थान अशोकनगर से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित करीला नामक गांव में है, यहां जानकी माता का मंदिर है, वहीं इस स्थान को लव-कुश के जन्म स्थान के रूप में भी पहचाना जाता है, बताया जाता है कि लोगों की मन्नत पूरी होने पर वे यहां पर राई नृत्य करवाते हैं, इस मेले में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, इस कारण यहां पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधाओं तक के लिए खासे इंतजाम किए हैं।
रंगपचंमी पर लगता है मेला
हर साल रंगपंचमी पर करीला में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, कोरोना महामारी के कारण करीब दो साल बाद मेले का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जो 21, 22 और 23 को लगेगा। मेले में पहुंचने के लिए श्रद्धालु इन रास्तों का उपयोग कर सकते हैं।
करीला में अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु तीन रास्तों से पहुंचेंगे, साथ ही मेला क्षेत्र से दो किमी दूर ही वाहन छोड़कर श्रद्धालुओं को पैदल जाना पड़ेगा। इसके लिए तीनों रास्तों पर चार वाहन पार्किंग भी बनाई गई हैं। वहीं चौथे रास्ते को वीआईपी मार्ग बनाया गया है, जहां से सिर्फ वीआईपी व शासकीय अधिकारी-कर्मचारी प्रवेश कर सकेंगे।
इन रास्तों से पहुंचे करीला, पार्किंग की है व्यवस्था
पुलिस द्वारा जारी रूट प्लान अनुसार शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, राजस्थान से श्रद्धालु अशोकनगर व अथाईखेड़ा से होते हुए बेलई-करीला मार्ग से कानीखेड़ी गांव तक आएंगे। जहां छोटे-बड़े वाहनों की दो पार्किंग बनाई गई हैं। वहीं ललितपुर, झांसी, सागर, सतना, कुरवाई व बीना व उप्र से आने वाले श्रद्धालु बंगलाचौराहा-करीला मार्ग से बमोरीशाला मार्ग से पहुंचेंगे और यहां पर भी वाहन पार्किंग बनाई गई है। इसके अलावा विदिशा, मुगलसराय, आरोन, राजगढ़, सिरोंज आदि जगहों से आने वाले श्रद्धालु विदिशा जिले के ललितपुर गांव के रास्ते आएंगे, इसके लिए ललितपुर गांव में वाहन पार्किंग बनाई है और ललितपुर गांव से श्रद्धालुओं को करीला तक पैदल चलना पड़ेगा। पुलिस ने कंट्रोल रूम बनाकर डीएसपी राजाराम धाकड़ को प्रभारी बनाया है।
जूता-चप्पल बाहर छोडऩा पड़ेंगे, परिक्रमा मार्ग से निकलेंगे श्रद्धालु
पुलिस ने श्रद्धालुओं को सूचना जारी की है कि श्रद्धालु जूता-चप्पल अपने वाहनों में ही छोड़ दें, या फिर मेले में कहीं निर्धारित स्थान पर रखें। क्योंकि करीला मंदिर में जूता-चप्पल पहनकर प्रवेश नहीं दिया जाएगा और मंदिर से श्रद्धालुओं को परिक्रमा मार्ग पर निकाला जाएगा, इससे परिक्रमा मार्ग से लंबी दूरी तक पैदल चलते हुए श्रद्धालु वापस मेले में पहुंचेंगे।
जीआरपी ने भी लगाए अशोकनगर व मुंगावली स्टेशनों पर पॉइंट
जीआरपी को भी 17 पुलिस जवानों का बल मिल गया है। थाना प्रभारी कमलेश गौतम ने बताया कि पहले से मौजूद जवानों के अलावा 17 पुलिस जवान और मिल जाने से तीन पॉइंट में ड्यूटी लगाई जाएगी। अशोकनगर व मुंगावली स्टेशन पर मुख्य रूप से ड्यूटी लगेगी। जहां प्लेटफॉर्म, टिकट काउंटर के पास और स्टेशन के बाहर जीआरपी तैनात की जाएगी। ताकि तीनों जगहों पर श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े और कोई विवाद की स्थिति न बने।
Published on:
21 Mar 2022 01:53 pm
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