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अधिकांश स्कूलों को अब तक नहीं मिले सिलेंडर और चूल्हें, लकड़ी में बन रहा खाना

सरकारी स्कूलों की रसोई नहीं हुई धुआं मुक्त, स्कूलों में अब भी चूल्हे पर बन रहा है खाना-754 स्कूलों के लिए डेढ़ माह पहले जारी की गई राशि, 2014-15 में 200 स्कूलों को मिली थी राशि-जारी राशि से 577 रुपए अधिक में दिया जा रहा है कनेक्शन, कागजी खानापूर्ति में उलझी खरीदी

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सरकारी स्कूलों की रसोई नहीं हुई धुआं मुक्त, 5 सैंकड़ा स्कूलों में अब भी चूल्हे पर बन रहा है खाना

रसोई में भरा धुआं

अशोकनगर। जिले के सरकारी स्कूल अभी तक धुएं से मुक्त नहीं हो पाए हैं। जिले में एक हजार से अधिक स्कूलों में अब भी चूल्हों पर खाना बन रहा है। जिसके कारण लकड़ी तो जल ही रही है, खाना बनाने वाली महिलाओं की आंखों व पर्यावरण पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। तीन साल बाद जिले के 827 स्कूलों के लिए राशि आई थी, लेकिन उनमें से 73 स्कूलों को राशि नहीं मिल सकी।


चूल्हों पर खाना बनाया जा रहा
उल्लेखनीय है कि सरकार ने सरकारी स्कूलों की रसोई को धुएं से मुक्त बनाने और ईंधन के रूप में लकड़ी के प्रयोग को कम करने के लिए स्कूलों को रसोई गैस उपलब्ध करवाने की योजना शुरू की थी। लेकिन इसमें आवंटन प्राप्त होने की धीमी गति के कारण अधिकांश स्कूलों को अब तक सिलेंडर प्राप्त नहीं हुए हैं। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही जिला मुख्यालय के स्कूलों में भी चूल्हों पर खाना बनाया जा रहा है।

जिला पंचायत को प्राप्त नहीं हुए
जिले में फिलहाल प्राईमरी व मिडिल स्कूलों की कुल संख्या 1489 है। जिसमें से 1105 प्राईमरी व 384 मिडिल स्कूल हैं। जबकि पिछले तीन सालों में केवल 200 स्कूलों को ही रसोई गैस सिलेंडर लेने के लिए राशि प्राप्त हो सकी थी और 1259 स्कूलों में चूल्हों पर ही मध्यान्ह भोजन बनाया जा रहा है। हालांकि हाल ही में राशि जारी किए जाने के बाद जिपं के अनुसार 446 स्कूल ही ऐसे हैं, जिनमें रसोई गैस नहीं हैं। लेकिन फिलहाल नई राशि के उपयोगिता प्रमाणपत्र जिला पंचायत को प्राप्त नहीं हुए हैं।

तीन साल बाद आई राशि कम पड़ी तो घटाए स्कूल
वर्ष 2014-15 में जिले के 02 सितंबर 2019 को गैस कनेक्शन के लिए राशि जारी की गई है। यह राशि भी जितने स्कूलों के लिए आई थी, उतनों को नहीं मिल पाई। जारी आदेश के अनुसार जिले के 827 स्कूलों के लिए 49 लाख 62 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुए हैं। लेकिन जिपं ने इनमें से 754 स्कूलों को ही राशि का आवंटन किया है, शेष 73 स्कूल राशि से वंचित रह गए। इसका कारण कनेक्शन की रेट अधिक होना बताया गया है। शासन ने प्रति दो सिलेंडर के लिए 6000 रुपए के मान से राशि दी गई है। जबकि जिले में दो सिलेंडर का गैस कनेक्शन 6 हजार 557 रुपए में दिया जा रहा है।

कागजी खानापूर्ति में उलझी खरीदी
स्कूलों की शाला प्रंधन समितियों के खातों में राशि जारी किए हुए एक माह से अधिक बीत गया है। लेकिन अभी तक स्कूलों से उपयोगिता प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। यानी स्कूलों में रसोई गैस की खरीदी नहीं हो सकी है। प्रशासन ने केवल राशि जारी कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली। जबकि गैस एजेंसियों द्वारा एसएमसी (शाला प्रबंधन समितियों) को कागजी खानापूर्ति में उलझाया जा रहा है। जिसके कारण गैस कनेक्शन की खरीदी नहीं हो पा रही है।

जारी राशि का ब्लॉकवार आवंटन
ब्लॉक----------- स्कूल ---------- जारी राशि
अशोकनगर -------188 ----------- 1236476
ईसागढ़ ----------- 188 ----------- 1236476
चंदेरी ----------- 188 ----------- 1236476
मुंगावली ----------- 190 ----------- 1249630
कुल ----------- 754 ----------- -- 4959058