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कलेक्ट्रेट भवन की लगाई परिक्रमा, फिर धरने पर बैठे

ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर जिले के 1178 लिपिक और 146 0 लघुवेतन कर्मचारी भृत्य सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

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कलेक्ट्रेट भवन की लगाई परिक्रमा, फिर धरने पर बैठे

अशोकनगर. ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर जिले के 1178 लिपिक और 146 0 लघुवेतन कर्मचारी भृत्य सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। सोमवार को सुबह लिपिकों और भृत्यों ने पहले तो कलेक्ट्रेट भवन की परिक्रमा लगाई और फिट कलेक्ट्रेट गेट पर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए।

वहीं भृत्यों ने भी चाबी पकड़ा दी, तो अधिकारियों को खुद ही अपने ऑफिसों के ताले खोलना पड़े। सोमवार को लिपिकों और भृत्यों की हड़ताल शुरू होने से सरकारी ऑफिसों में सन्नाटा छाया रहा और सभी काम ठप रहे। अपने जरूरी कामों से आए लोगों को ऑफिसों में बंद काम को देखकर वापस लौटना पड़ा।

इस हड़ताल का असर सोमवार को होने वाली टीएल बैठक पर भी दिखा, हर सप्ताह तीन से चार घंटे चलने वाली यह बैठक एक घंटे में ही समाप्त हो गई। वहीं लिपिक न होने से अधिकारियों को फाइलें भी नहीं मिल सकीं।

मप्र लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राम नरेश शर्मा का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रहेगी। वहीं लघुवेतन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष नंदकुमार नामदेव का कहना है कि भृत्यों की मांग 1300 से 18 00 रुपए गे्रड पे कराने और पदनाम को भृत्य की बजाय कार्यालय सहायक करने की मांग शामिल है। जिलाध्यक्ष का कहना है कि भृत्य शब्द सुनने में बुरा लगता है, इसलिए शासन को उनका पदनाम बदलकर कार्यालय सहायक करना चाहिए।

हड़ताल से यह काम हो रहे हैं प्रभावित
एसडीएम, तहसील और नायब तहसीलदार न्यायालयों में सोमवार को पेशियां नहीं लग सकीं, इससे पक्षकारों को बिना पेशी के ही लौटना पड़ा।
अभी विधानसभा के प्रश्रों सहित कार्रवाई की जानकारी बनाने का काम चल रहा है, हड़ताल से यह काम भी प्रभावित होने की आशंका है।
लिपिकों के हड़ताल पर जाने से सभी ऑफिसों के अधिकारी के वेतन पत्रक तैयार नहीं हो सकेंगे, वेतन मिलने में देरी होगी।