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अब मलबरी सिल्क पर उकेरेंगे चंदेरी किला और बादल महल के चित्र

चंदेरी का राजा-रानी महल, बादल महल सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों के चित्र उकेरे जाएंगे.

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अब मलबरी सिल्क पर उकेरेंगे चंदेरी किला और बादल महल के चित्र

अब मलबरी सिल्क पर उकेरेंगे चंदेरी किला और बादल महल के चित्र

अशोकनगर. अब मलबरी सिल्क पर चंदेरी का राजा-रानी महल, बादल महल सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों के चित्र उकेरे जाएंगे। सिल्क पर यह चित्रकारी जिले में ही होगी, साथ ही विभाग इन चित्रों वाली मलबरी साडिय़ों को खुद खरीदेगा और इनकी ब्रांडिंग भी करेगा। इसके लिए रेशम केंद्र ने पूरी तैयारी कर ली है।

खिरिया देवत स्थित रेशम केंद्र पर विभाग ने रेशम के कीड़ों का कृमि पालन शुरु किया है। खास बात यह रही कि जहां सामान्य तौर पर 100 अंडों पर 30 किलो कोकून बनता है, लेकिन रेशम केंद्र पर 100 अंडों पर 75 किलो कोकून इस बार तैयार हो गया है। साथ ही प्रत्येक कोकून से 400 से एक हजार मीटर तक रेशम का धागा बनेगा। धागा निकालने के लिए कोकून को राघौगढ़ केंद्र पर भेजा गया है। प्रभारी जिला रेशम अधिकारी सुजाता रायजादा ने बताया कि यहां से हम मलबरी का रॉ मटेरियल उपलब्ध कराते हैं और मलबरी सिल्क से साडिय़ां बनती हैं। जिन पर कलेक्टर आर उमा महेश्वरी ने चंदेरी के ऐतिहासिक स्थलों के चित्र बनवाने के निर्देश दिए हैं, इसके लिए चित्र बनवाने की तैयारी की जा रही है।

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मंडला की गोंडी पेंटिंग देख, बनाया यह प्लान
जिला रेशम अधिकारी का कहना है कि मंडला में मलबरी सिल्क पर गोंडी पेंटिंग बनाई जा रही है, लेकिन जिले से खास पेंटिंग बनाने के लिए चंदेरी के ऐतिहासिक स्थलों की पेंटिंग मलबरी सिल्क पर जिले में ही कराई जाएगी। इसके लिए ट्रेनर बुलाकर यहां के लोगों को सिल्क पर पेंटिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी और इसके बाद मलबरी सिल्क पर इन चित्रों की पेंटिंग की जाएगी, साथ ही पेंटिंग किए हुए कपड़ों को विभाग खुद ही लेगा व इनकी ब्रांडिंग भी करेगा।