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करीला मेले में रातभर मची राई नृत्य की धूम, आप भी देखें तस्वीरों में मनमोहक नजारे

रंगपंचमी पर जहां पूरा प्रदेश रंगों से सराबोर हो रहा था, वहीं अशोकनगर जिले में करीला मेले की धूम मची थी, यहां दोपहर तक करीब 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके थे, लेकिन इसके बाद भी श्रद्धालुओं के आने का कारवां थम नहीं रहा था,

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करीला मेले में रातभर मची राई नृत्य की धूम, आप भी देखें तस्वीरों में मनमोहक नजारे

करीला मेले में रातभर मची राई नृत्य की धूम, आप भी देखें तस्वीरों में मनमोहक नजारे

अशोकनगर. रंगपंचमी पर जहां पूरा प्रदेश रंगों से सराबोर हो रहा था, वहीं अशोकनगर जिले में करीला मेले की धूम मची थी, यहां दोपहर तक करीब 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके थे, लेकिन इसके बाद भी श्रद्धालुओं के आने का कारवां थम नहीं रहा था, कोरोना महामारी के बाद लगे इस मेले में इस बार रिकार्डतोड़ श्रद्धालु पहुंचे, इस बार भी मेले में करीब १० हजार से अधिक राई नृत्य हुए, जिन्हें देखने के लिए भी देशभर से लोग पहुंचे थे।

करीला मेला अपने आप में आकर्षण का केंद्र हैं, लोग यहां पहुंचने के लिए सालभर इंतजार करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के कारण मेला करीब दो साल बाद लगा है, इस कारण श्रद्धालु की आस्था भी चरम पर थी, वहीं श्रद्धालुओं ने मन्नत पूरी होने पर बुंदेलखंड का प्रसिद्ध राई नृत्य भी करवाया, ऐसे में जगह-जगह आकर्षक वेषभूषा में सजी महिलाओं ने नृत्य कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आप भी तस्वीरों में करीला मेले के आकर्षक नजारे देख सकते हैं।

लव-कुश का जन्म उत्सव मनाया
मां जानकी के दरबार में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने लव-कुश के जन्म का उत्सव मनाया। तो वहीं साल में एक बार सिर्फ रंगपंचमी पर खुलने वाली महर्षि बाल्मीकि गुफा के दर्शन किए। जहां मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया था, तो वहीं मेले की तैयारियां भी अच्छी की गई थीं। मंगलवार को शाम होते ही पूरी पहाड़ी, मेला क्षेत्र व पहुंच मार्गों पर श्रद्धालुओं की भीड़ ही भीड़ नजर आई। इससे पूरी पहाड़ी, पहुंच मार्ग व मेला क्षेत्र में सिर्फ लोगों के सिर ही सिर नजर आए।

करीब 10 हजार राई नृत्य हुए
मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं द्वारा करीला में बधाई स्वरूप बुंदेलखंड का प्रसिद्ध राई नृत्य कराने की परंपरा है। करीला में श्रद्धालुओं ने करीब 10 हजार राई कराईं, इससे करीला में दुनिया का अनोखा रंगमंच सजा। जहां खुले आसमान के नीचे खेतों में रातभर राई नृत्य हुए और राई नृत्यों की वजह से पूरा करीला मेला रातभर नगडिय़ों की थाप और घुंघरुओं की आवाज से गूंजता रहा।

कई प्रदेशों से पहुंचे श्रद्धालु
रंगपंचमी पर जहां मप्र, उप्र, राजस्थान व बिहार से तो श्रद्धालु करीला आते ही हैं, लेकिन इस बार इन चारों प्रदेशों के अलावा छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल से भी श्रद्धालु करीला पहुंचे। जिन्होंने मां जानकी के दर्शन किए। मां जानकी मंदिर करीला ट्रस्ट के अध्यक्ष महेंद्रसिंह यादव ने बताया कि सोमवार को ही छत्तीसगढ़ से सात बसों से श्रद्धालु करीला पहुंच गए थे और पश्चिम बंगाल से भी श्रद्धालु एकत्रित हुए। सुबह ललितपुर गांव के ग्रामीणों ने पहुंचकर पूजा-अर्चना की और झंड़ा चढ़ाया, साथ ही मां जानकी के दरबार में राई नृत्य कराया।
एक श्रद्धालु को हार्ट अटैक आने से अस्थाई अस्पताल में रखा और इसके बाद जिला अस्पताल रैफर किया।