
Rajghat Dame submergence area case
मुंगावली. राजघाट बांध के डूब क्षेत्र में आई किसानों की जमीन के मुआवजे के लिए देवरछी गांव के किसान ११ साल से मुआवजे की मांग को लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक मुआवजा नही मिल सका है। राजघाट बांध दो राज्य मप्र व उप्र के बीच में होने से किसानों को लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है, लेकिन मुआवजा आज तक नही मिल सका है। मंगलवार को किसानों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया था। जिसके बाद गुरूवार को एसडीएम ने राजघाट के अधिकारियों को बुलवाकर खेतों का निरीक्षण किया और सर्वे कर शीघ्र निराकरण कराए जाने की बात कही। जिससे अब किसानों को ११ साल बाद मुआवजे की उम्मीद जागी है।
गुरूवार को एसडीएम राहुल गुप्ता व तहसीलदार दिनेश सांवले ने राजघाट बांध के एसडीओ मूलचंद आर्या को मौके पर बुलवाया। जिसमें वहां के सहायक अभियंता इंजीनियर अरविंद जैन खेतों पर पहुंचे जहां पानी से भरे हुए चिन्ह अधिकारी को दिखाए। किसानों ने बताया कि हमारे ग्राम की करीबन 80 बीघा भूमि 11 वर्षों से प्रभावित हो रही है इसका हमें मुआवजा दिया जाए।
किसानों को ११ साल से भटकने को लेकर हुई बहस में एसडीएम राहुल गुप्ता ने इंजीनियर अरविंद जैन को फटकार लगाई और कहा कि रविवार के दिन हमारे पटवारी गिरदावर एवं राजघाट के इंजीनियर, पटवारी, एसडीओ, संयुक्त टीम के माध्यम से उक्त भूमि का सर्वे किया जाए जिससे किसानों को उचित मुआवजा मिल सके। क्योंकि किसान 11 साल से परेशान हैं किसान संग्राम सिंह की फाइल पढ़ी है जिससे उनका रकबा बहुत प्रभावित हुआ है। आदिवासी किसान के बच्चे भूखे मर रहे हैं मुआवजा मिलना उनका हक बनता है।
65 आवेदन 3 सर्वे फिर भी नहीं मिला मुआवजा
राजघाट बांध से डूब मे आई देवरछी ग्राम की लगभग 80 बीघा जमीन की जो प्रतिवर्ष डूब मे आने से किसानो की फसल को लील जाती है। देवरछी ग्राम के संग्राम सिंह अहिरवार ने बताया कि वर्ष 2010 से आज तक प्रति वर्ष मौसमी फसल राजघाट बांध मे पानी का अधिक भराव होने से हरी लाइन को क्रॉस कर जाता है और उनके ग्राम के छोटे-छोटे अन्नदाता की फसल तबाह हो जाती है। संग्राम सिंह ने बताया कि अभी तक उन्होंने 65 आवेदन शासन प्रशासन को दे चुके है। 12 आदेश पत्र पारित होने के बाद भी किसान आज भी मुआवजा के लिए 11 साल से अपनी लड़ाई लड़ रहे है, परन्तु दुर्भाग्य है की 2 राज्यो के बीच का मामला होने पर सुनबाई मे आज तक देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंते आज तक हिम्मत नहीं हारी और अपने ग्राम के किसानो की लड़ाई लड़ रहे है। जब तक उनके गांव के किसानों को न्याय नहीं मिल जाता तब तक लड़ाई जारी रहेगी।
वर्जन
अभी तक 65 आवेदन जगह-जगह दे चुके हैं। आवेदन देने आने जाने व अन्य खर्च में ३१५१४ रुपए खर्च हो गए। अभी तक 12 आदेश पत्र पारित होने के बाद भी ११ साल से मुआवजे के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन दुभाग्य से दो राज्यों का मामला होने के कारण आज तक सुनवाई नही हो सकी। अब एसडीएम व तहसीलदार से निराकरण कराए जाने की उम्मीद जागी है।
संग्राम सिंह अहिरवार, किसान देवरछी
मंगलवार को आवेदन प्राप्त हुआ था। जिसके बाद टीम के साथ देवरछी गांव पहुंचकर जहां राजघाट परियोजना के अधिकारियों को बुलाकर स्थिति का जायजा लिया। साथ ही राजघाट परियोजना के अधिकारियों को संयुक्त टीम बनाकर रविवार तक मामले की जांच के आदेश दिये। जिसका निराकरण शीघ्र ही करवा दिया जावेगा।
राहुल गुप्ता, एसडीएम मुंगावली
शनिवार से राजस्व टीम मुंगावली व राजघाट बांध परियोजना की टीम संयुक्त जांच करेगी। उनका सर्वे करने मुंडिया गाड़ी जाएगी। जिससे पता लगेगा कि डूब क्षेत्र की सीमा क्या है और इसमे किस-किसके खेत डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। जांच में 3-4 दिन लग सकते हैं। संयुक्त जांच को झांसी चीफ सेक्रेटरी के यहां भेजी जाएगी उसके बाद उच्च अधिकारी जो निर्णय लेगें उसके आधार पर कार्यवाही होगी।
मूलचंद आर्या, एसडीओ राजघाट बांध परियोजना
Published on:
12 May 2022 09:20 pm
बड़ी खबरें
View Allअशोकनगर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
