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कचरा प्रबंधन का नहीं मिला रिकॉर्ड, टंकियों पर नहीं थी सफाई की तारीख

कायाकल्प के तहत गुना से आई टीम ने किया अस्पताल का मूल्यांकन, पीछे की तरफ जलता रहा कचरा

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अशोकनगर. कायाकल्प के तहत सोमवार को जिला अस्पताल का मुल्यांकन किया गया। जिसमें जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखा गया। मूल्यांकन में कई सारी कमियां पाई जाने के बावजूद पिछले मूल्यांकन की अपेक्षा थोड़ा सुधार बताया गया है। पिछले मूल्यांकन में जिला अस्पताल को 40 प्रतिशत अंक मिले थे।

मूल्यांकन के लिए गुना से डा. शिल्पा टांटियां व डा. बृज रघुवंशी की टीम आई थी। दोनों ने अस्पताल परिसर, भवन, वार्ड आदि का जायजा लिया। इसके साथ ही रिकार्ड भी देखा गया। रिकार्ड मेन्टेन करने में जिला अस्पताल प्रबंधन कमजोर मिला और टीम ने स्टाफ को ट्रेनिंग दिए जाने की आवश्यकता बताई।

वहीं एसएनसीयू वार्ड के निरीक्षण के दौरान वहां डाक्टर उपस्थित नहीं मिले और पानी की टंकियों पर सफाई किए जाने की तारीख नहीं पाई गई। टीम ने अस्पताल के ड्रेनेज सिस्टम, इंफेक्शन कंट्रोल सिस्टम, बायो मेडीकल वेस्ट प्रबंधन सहित अन्य व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता बताई। बायो मेडीकल वेस्ट का रखें रिकार्ड टीम के निरीक्षण में पाया गया कि अस्पताल के पास बायो मेडीकल वेस्ट (अस्पताल से निकलने वाला जैविक कचरा) प्रबंधन का रिकार्ड नहीं है।

अस्पताल से कितना कचरा निकला और प्रबंधन करने वाली कंपनी को कितना कचरा दिया यह जानकारी अस्पताल से नहीं मिल सकी। जिस पर टीम ने लॉग बुक बनाकर रिकार्ड रखने की सलाह दी। टीम ने बताया कि बीएमडब्ल्यू के लिखी खुली नहीं पैक ट्राली होनी चाहिए, इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन से तौलकर कचरा दिया जाना चाहिए। टीम ने इसके लिए एक नोडल नियुक्त करने की बात भी कही।

स्टाफ का हो वेक्सीनेशन मूल्यांकन के दौरान डाक्टर व अस्पताल के अन्य स्टाफ का टीकाकरण करवाने की बात भी कही है। अभी इक्का-दुक्का लोगों का ही टीकाकरण हो सका है। जबकि सभी डाक्टरों के अलावा नर्स, वार्ड बॉय, सफाईकर्मी आदि का भी टीकाकरण करवाना जरूरी है। इसके लिए सिविल सर्जन ने टाइम टेबल बनाकर स्टाफ का टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए हैं। ताकि अस्पताल की व्यवस्थाएं भी बनी रहें और सभी का टीकाकरण भी हो जाए।

यह टीकाकरण हर पांच साल में करवाया जाना चाहिए। पीछे जलता मिला कचरा एक तरफ कायाकल्प के तहत टीम मूल्यांकन कर रही थी और दूसरी तरफ पीएम रूप के पास कचरा फैला हुआ था। इसमें आग की लपटें तो नहीं थीं, लेकिन कचरे से उठता धुआं बता रहा था कि इसे हाल ही में जलाया गया है। बचा कचरा हवा से उडक़र आसपास फैला हुआ था।

कचरे में बहुतायत में पॉलीथिन भी थीं और मवेशी इसमें खाने की चीजें तलाश रहे थे। टीम ने इसे भी व्यवस्थित करने के लिए कहा।

ये रहा खास-खास

-बायो मेडीकल वेस्ट के लिए पैक ट्राली खरीदने और किचिन के लिए चार ट्राली खरीदने की सलाह दी।

-वार्डों के वाश वेसिन में भी डिस्इंफेक्शन के लिए व्यवस्था करने के लिए कहा गया।

-स्टाफ को ट्रेनिंग की आवश्यकता पर बल दिया, छोटी-छोटी चीजों की भी जानकारी नहीं। अस्पताल मैनेजर डा. प्रशांत दुबे से भी ट्रेनिंग लेने के लिए कहा गया।

-दिन के हिसाब से चादर आ तो गए हैं, लेकिन इनका उपयोग अभी नहीं हो रहा है।

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत अस्पताल का मूल्यांकन किया है। पहले से तो ठीक लग रहा है, लेकिन अभी सुधार की और आवश्यकता है। इसके लिए टीम वर्क जरूरी है। काम बहुत है, सभी लोग मिलकर करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।

- डा. शिल्पा टांटियां, गुना