
अशोकनगर. सोशल मीडिया पर चली एक अफवाह जिले के लोगों को बच्चों की सुरक्षा के लिए डरा गई। डर भी ऐसा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रह गई है।
जो गिने-चुने बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, उन्हें भी पालक स्कूल तक छोडऩे आ रहे हैं और शिक्षकों से कहकर जाते हैं कि बच्चे कहीं चले न जाएं हम इन्हें आपको सौंपकर जा रहे हैं। इससे शिक्षक भी परिसर में बच्चों के आने के बाद स्कूल के मुख्य गेट को जंजीर से बांधकर ताला ( school locked ) लगाने लगे हैं और ताले को छुट्टी के समय ही खोला जाता है।
शनिवार को पत्रिका ने पड़ताल की तो स्कूलों में यह हकीकत सामने आई। सोशल मीडिया से अफवाह फैली कि बच्चों को उठाने वाली गैंग घूम रही है, तो ज्यादातर पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया, चार-पांच दिन तक स्कूलों में उपस्थिति न के बराबर रही। हालांकि अब कुछ बच्चे स्कूल पहुंचने लगे हैं। पत्रिका ने जाने शहर के तीन स्कूलों के हालात, जिनसे ग्रामीण स्कूलों का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
शहर के शासकीय स्कूलों में यह दिखा इस झूठी अफवाह का असर-
1. जंजीर बांध दिनभर लगाए रखते हैं स्कूल में ताला-
शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक दो यादव कॉलोनी। जहां 102 बच्चे दर्ज हैं, उपस्थित 35 मिले। शिक्षकों ने बताया कि डर की वजह से पालक बच्चों को नहीं भेज रहे। वहीं अब पालक बच्चों को छोडऩे और वापस लेने भी आते हैं। साथ ही शिक्षकों को धमकाकर जाते हैं कि बच्चे कहीं चले न जाएं, आपको सौंपकर जा रहे हैं। पालकों का डर देख शिक्षक स्कूल के मुख्य गेट पर जंजीर बांध ताला लगा रहे हैं और छुट्टी के समय ही खोलते हैं।
2. पालकों को फोन लगा बच्चों को बुला रहे स्कूल-
शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक एक न्यायालय के पीछे। शनिवार को बच्चों की उपस्थिति कम थी, मात्र 15 बच्चे ही मिले। यहां भी शिक्षकों ने अफवाह को कारण बताया कहा जो बच्चे आ रहे हैं उनके परिजन यह कहकर जाते हैं कि शिक्षकों की जिम्मेदारी है। फोन लगाकर परिजनों को बुलवा रहे हैं कि वह बच्चों को स्कूल भेजें। वहीं छुट्टी होने से पहले ही पालक बच्चों को वापस ले जाते हैं। यही स्थिति शासकीय कन्या प्रावि में भी दिखी।
अफवाह की वजह से बच्चों की संख्या कम है। पालकों व बच्चों को जागरुक कर रहे हैं और स्कूल तक बड़ी मुश्किल से ला पा रहे हैं। परिवारजन कह जाते हैं कि आपकी जिम्मेदारी है, इसलिए उनके कहने पर हम गेट को जंजीर से बांधकर ताला लगा देते हैं।
- आशा श्रीवास्तव, शिक्षिका शासकीय प्रावि क्रमांक दो यादव कॉलोनी
बच्चों को पकडऩे की अफवाह चल रही है, हमने तो स्कूल भी नहीं भेजा है। यदि बच्चों को कोई बुला ले जाएगा तो हम कहां जाएंगे। शहर में एक बच्चा पकडऩे की जानकारी मिली थी। इसलिए हम नहीं भेज रहे हैं।
- कल्लीबाई, पालक
Updated on:
28 Jul 2019 12:46 pm
Published on:
28 Jul 2019 12:38 pm
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