उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में सख्ती बरती जा रही है। इससे पहले पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने दो महिला पायलटों सहित 34 और पायलटों के लाइसेंस निलंबित कर दिया है। निलंबित पायलटों के लाइसेंसों की जांच के बाद मंत्रिमंडल इस मामले में फैसला ले पाएगा।
इससे पहले जून में, देश के नागरिक उड्डयन विभाग ने सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस, एयरब्ल्यू और सीरीन एयर सहित कई एयरलाइंस के 160 पायलटों के लाइसेंस को संदिग्ध माना था। इसकी जांच प्रक्रिया पूरी होने तक एयरलाइंस के प्रबंधन को उन्हें हटाने के निदेर्श दिए गए थे।
पाकिस्तान में मई माह में हुए विमान हादसे की जांच प्रक्रिया में पाया गया है कि कई पायलटों के पास वैध लाइसेंस नहीं हैं। इस दौरान अधिकारियों को पायलटों के संदिग्ध रिकार्ड मिले हैं। नागरिक उड्डयन विभाग की तथ्यान्वेषी कमेटी उनके लाइसेंस में जांच कर रही है। इस घटना में चालक दल के सदस्यों सहित 97 लोग मारे गए थे।
कोरोना वायरस पर चर्चा करने में मशगूल थे पाकिस्तान में यह हादसा पायलटों की लापरवाही की वजह से हुआ है। बुधवार को आई रिपोर्ट के अनुसार लैंडिंग के दौरान पायलटों का ध्यान विमान पर नहीं था,बल्कि वह कोरोना वायरस पर चर्चा करने में मशगूल थे। गौरतलब है कि 22 मई को पाकिस्तान इंटरनेशल एयरलाइंस (PIA) का विमान कराची में लैंडिंग से पहले एक रिहायशी इलाके में जा गिरा था। एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर ये हादसा हुआ जिसमें केवल दो यात्री बचे। बाकी सभी यात्री और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई।
बीते दिनों पाकिस्तान के नागरिक विमानन मंत्री गुलाम सरवार खान ने संसद में एक रिपोर्ट को पेश करते हुए कहा था कि पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने समय रहते तय नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि एयरबस ए320 की जब लैंडिंग होने वाली थी तब वे कोरोना वायरस को लेकर चर्चा में लगे हुए थे। मंत्री के अनुसार पायलट और को-पायलट का फोकस विमान पर नहीं था बल्कि पूरी यात्रा के दौरान वे कोरोना को लेकर बात कर रहे थे।