
बीजिंग। कोरोना वायरस (Coronavirus) का सबसे अधिक असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इस कारण चीन (China)में लाखों लोगों की नौकरियां गंवानी पड़ी हैं। इस महामारी की वजह से कई महीनों तक लॉकडाउन में बंद पड़े बाजारों के कारण लाखों लोगों को काम से हाथ धोना पड़ा है।
हालांकि अभी कोई पारदर्शी आंकड़ा सामने नहीं आया है। मगर चीन में अधिकारिक तौर पर बेरोजगारी का आंकड़ा रखने वाली एजेंसी के अनुसार बीते दिनों करीब दो करोड़ 2 करोड़ 70 लाख लोगों ने अपनी नौकरियां खोईं हैं। मार्च महीने में बेरोजगारी दर 5.9 फीसदी तक रही। इसके बाद बीते महीने ये 6.2 हो गई। इस दर का मतलब है कि बीते दिनों करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां खोईं हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार चीन में बेरोजगारी के आंकड़ों को बहुत ज्यादा कम करके बताया जा रहा है। चीन इसे छिपाने की कोशिश कर रहा है। जबकि यह असल में बेहद खराब है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन में करीब 29 करोड़ लोग प्रवासी मजदूर हैं, जो कंस्ट्रक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। ये लो इनकम ग्रुप वाले लोग हैं। इनकी अर्थव्यवस्था को गति देने में अहम भूमिका होती है। अगर सभी आंकड़ों को मिलाकर देखा जाए तो चीन में मार्च के अंत तक 8 करोड़ लोगों को अपने काम से हाथ धोना पड़ा।
चीन एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के एक अर्थशास्त्री झेंग बिन ने इन आंकड़ों की पुष्टि की है। मगर इसके अलावा हालत बेहद खराब हैं। इसका मतलब है कि करीब 10 फीसदी चीन के लोग, जिन्हें काम करते रहना चाहिए था, उनका काम-धंधा छिन चुका है।
चीन की अर्थव्यवस्था का विकास बीते दशकों में कमजोर रहा है। महामारी के बाद हालात 1976 की तरह हो गए हैं। चीन की अर्थव्यवस्था काफी खराब है। आने वाले हफ्तों में हालात और खराब होने के संकेत हैं। बीजिंग से इस साल करीब 87 लाख लोग उम्मीदवार ग्रेजुएट होकर निकलेंगे। उनके सामने जॉब का संकट होगा। मौजूदा हालात में उन्हें नौकरियां मिलने में मुश्किल होगी।
Updated on:
10 May 2020 11:06 am
Published on:
10 May 2020 11:05 am
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